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UP Bulldozer Rule: योगी सरकार (Yogi Government) में यूपी में बुलडोजर की कार्रवाई से लोग आतंक में हैं. अधिकतर लोग इस बात से डर रहे होंगे कि न जाने कब उनके संपत्ति को भी ध्वस्त कर दिया जाए, लेकिन घबराने की बात नहीं है. बुलडोजर की कार्रवाई अवैध संपत्तियों पर की जाती है. इसके लिए नियम बनाए गए हैं.
यूपी गैंगेस्टर एक्ट (UP gangster act) की धारा 14ए के तहत अवैध रूप से कमाई गई संपत्ति का धवस्तीकरण या जब्तीकरण किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के प्रावधानों के अनुसार, एक्ट की धारा 27 के तहत भवन गिराने का आदेश देने संबंधी नियमों का उल्लेख है. जहां कोई विकास, महायोजना या आंचलिक विकास योजना के उल्लंघन में या एक्ट की धारा 14 में निर्दिष्ट अनुमति, अनुमोदन या स्वीकृति के बिना किया गया है, उसे प्राधिकरण द्वारा भवन स्वामी को नोटिस देकर हटाने या ध्वस्तीकरण का आदेश दिया जाता है. तय समय सीमा में भवन स्वामी द्वारा आदेश का अनुपालन न करने पर प्राधिकरण की ओर से निर्माण को हटाया जाता है. ऐसी स्थिति में हटाने का खर्च (जितना प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित किया जाए) भूस्वामी से भू-राजस्व के रूप में वसूल होगा और ऐसी वसूली के लिए सिविल न्यायालय (civil court) में कोई वाद दाखिल नहीं होगा.
सार्वजनिक संपत्ति (public property) पर अवैध कब्जा (Illegal possession) करने वालों पर कार्रवाई के लिए उत्तर प्रदेश लोक परिसर (अनाधिकृत कब्जा से बेदखली) अधिनियम 1973 में प्रावधान है. अधिनियम की धारा 04 (1) के अनुसार यदि निर्धारित प्राधिकारी या तो स्वयं के प्रस्ताव पर या राज्य सरकार या कारपोरेट प्राधिकरण की ओर से प्राप्त आवेदन या रिपोर्ट पर यह राय रखता है कि कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक परिसर पर अनाधिकृत कब्जा कर रहा है और उन्हें बेदखल कर दिया जाना चाहिए तो प्राधिकारी लिखित रूप में एक नोटिस जारी करेगा. यदि कोई व्यक्ति सेक्शन 5 की उप-धारा (1) के तहत बेदखली के आदेश का पालन करने से इनकार करता है या उसका पालन करने में विफल रहता है तो निर्धारित प्राधिकारी द्वारा उस व्यक्ति को सार्वजनिक परिसर से बेदखल कर उस पर कब्जा किया जा सकता है. इसके लिए आवश्यक बल का भी प्रयोग किया जा सकता है.
ग्राम पंचायत (Gram Panchayat)की भूमि पर अतिक्रमण, अवैध कब्जे या दुरुपयोग रोकने के लिए राजस्व संहिता की धारा 67 में प्रावधान है. अधिनियम के तहत ग्राम पंचायत अथवा अन्य स्थानीय निकाय की भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों की बेदखली और उनसे क्षति वसूली की कार्रवाई की जा सकती है.
तहसीलदार और तहसीलदार (न्यायिक) को उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा-67 के तहत सहायक कलेक्टर के तौर पर काम करने के लिए अधिकृत किया गया है. (यह बदलाव 2020 में वर्तमान सरकार ने किया है). यदि अवैध कब्जा मिला व्यक्ति बेदखली के आदेश का पालन करने से इनकार करता है, तो प्राधिकारी द्वारा इस प्रयोजन के लिए आवश्यक बल का भी प्रयोग किया जा सकता है.
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