Trending Photos
Indian Army: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में कमजोर माने जाने यूक्रेन ने अपने से कहीं ज्यादा शक्तिशाली रूस की सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है. यूक्रेन ने एंटी-टैंक मिसाइलों से रूस के टैंकों और आर्मर्ड डिवीजन को काफी नुकसान पहुंचाया है.
पिछले एक महीने से जारी जंग में रूस भले ही हवाई ताकत के मामले में यूक्रेन पर भारी पड़ता दिखा हो, लेकिन जमीनी युद्ध में उसे खास कामयाबी नहीं मिल पाई है. यूक्रेनी सेना ने एंटी-टैंक मिसाइलों का खूब इस्तेमाल करके रूस के टैंकों और दूसरे आर्मर्ड व्हीकल को आगे बढ़ने से काफी हद तक रोक दिया है.
भारतीय सेना (Indian Army) भी रूस और यूक्रेन के बीच चल रही इस खूनी जंग को नजदीक से देख रही है. उसने रूसी सेना की खामियों को देखते हुए भविष्य के लिए अपने टैंक युद्ध की रणनीति में जरूरी बदलाव करने का फैसला किया है. इसकी वजह ये है कि भारतीय सेना भी अधिकतर उन्हीं हथियारों को ऑपरेट करती है, जो रूसी सेना इस्तेमाल कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच इस जंग का नतीजा चाहे जो निकले, लेकिन भारतीय सेना (Indian Army) की युद्ध नीति में बदलाव होना तय है. खास कर टैंकों की लड़ाई (Tank Battle) के लिए इंडियन आर्मी नई रणनीति तैयार करेगी, जिसमें रूस-यूक्रेन जंग से निकले सबक भी शामिल किए जाएंगे.
भारतीय सेना बड़े पैमाने पर रूस में बने टैंक T-90, T-72 और BMP इंफैंट्री कांबेट व्हीकल का इस्तेमाल करती है. सेना इन टैंकों को पहले पाकिस्तान के खिलाफ रेगिस्तान और प्लेन इलाकों में तैनात करती थी. लेकिन जब चीन ने पूर्वी लद्दाख में अतिक्रमण किया तो लद्दाख और सिक्किम में भी इन भारी-भरकम टैंकों को तैनात किया गया है.
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को 46 दिन हो चुके हैं. राजधानी कीव पर कब्जा करने में विफल रहने के बाद रूस अब यूक्रेन के पूर्वी हिस्सों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए उसके टैंकों के लंबे काफिले बड़ी ताकत बने हुए हैं. वहीं अमेरिका और पश्चिमी देश रूसी टैंकों को बर्बाद करने के लिए यूक्रेन को लगातार एंटी टैंक रॉकेट लॉन्चर्स Carl Gustaf, NLAWs और AT-4s की सप्लाई कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें- क्या ताइवान होगा दुनिया का दूसरा यूक्रेन? चीन कर रहा है ऐसी तैयारी
मिलिट्री एक्सपर्ट के मुताबिक रूस और भारत जिन टैंकों को यूज कर रहे हैं, उनके डिजाइन करीब 4 दशक पुराने हैं. जबकि यूक्रेन जंग में इस्तेमाल की जा रहीं एंटी टैंक मिसाइलें और रॉकेट लेटेस्ट डिजाइन और मौजूदा जरूरतों के हिसाब से बनाए गए हैं. यही वजह है कि वे मिसाइलें आसानी से टैंकों को निशाना बनाने में कामयाब हो पा रही हैं.
LIVE TV