आखिर पुतिन के दिमाग में चल क्या रहा है? क्या यूक्रेन पर करने वाले हैं परमाणु हमला
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आखिर पुतिन के दिमाग में चल क्या रहा है? क्या यूक्रेन पर करने वाले हैं परमाणु हमला

रूस और यूक्रेन की जंग को 7 दिन हो चुके हैं. रूस (Russia)  को झुकाने के लिए पश्चिम देश उस पर बैन लगा रहे हैं. फिर भी पुतिन (Vladimir Putin) झुकने को तैयार नहीं हैं. आखिर उनके दिमाग में चल क्या रहा है. 

आखिर पुतिन के दिमाग में चल क्या रहा है? क्या यूक्रेन पर करने वाले हैं परमाणु हमला

Russia Ukraine War: यूक्रेन पर हमले की वजह से दुनिया के ज्यादातर देश रशिया के खिलाफ दिख रहे है. रशिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं और खेल आयोजनों से रशिया को बाहर किया जा रहा है. 

  1. पुतिन के दिमाग में आखिर चल क्या रहा है?
  2. चूहे की कहानी में छिपा है पुतिन की योजना का राज
  3. जर्मनी की तरह रशिया को किनारे पर धकेला जा रहा

पुतिन के दिमाग में आखिर चल क्या रहा है?

रशिया (Russia) में बने सामान का बहिष्कार हो रहा है. आर्थिक प्रतिबंधों से रशिया की Currency भी ऐतिहासिक रूप से कमज़ोर हो गई है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या व्लादिमीर पुतिन से कोई चूक हो गई है? क्या वो युद्ध शुरू करने से पहले इसके नतीजों का सही अनुमान नहीं लगा पाए? पुतिन (Vladimir Putin) के दिमाग़ में आख़िर चल क्या रहा है. इसे समझने के लिए आपको पुतिन के Mouse Mind के बारे में जानना होगा.

1990 के दशक में व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने अपने कुछ Interviews में एक कहानी का ज़िक्र किया था, जिसे बाद में उनकी आत्मकथा के रूप में भी प्रकाशित किया गया. तब इस कहानी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा था कि जब वो Saint Petersburg में रहा करते थे, तब एक बार उनके कमरे में एक बड़ा सा चूहा घुस आया था. पुतिन ने उस चूहे को किसी तरह एक कोने में सीमित कर दिया यानी उसे Corner कर दिया. 

चूहे की कहानी में छिपा है पुतिन की योजना का राज

लेकिन जब ये चूहा कोने में खुद को कैद और असुरक्षित महसूस करने लगा तो उसने अचानक से उछलकर पुतिन पर हमला कर दिया. इसके बाद पुतिन किसी तरह से उस कमरे से बाहर निकल आए और उसका दरवाज़ा बन्द कर दिया. पुतिन इस कहानी के बारे में बताते हुए कहते हैं कि उस दिन उन्होंने इस चूहे से सीखा कि जब किसी को अलग थलग किया जाता है, उसे Corner किया है, तब वो व्यक्ति कितना आक्रामक और खतरनाक हो जाता है. उस समय वो सिर्फ़ अपनी सुरक्षा के बारे में सोच रहा होता है.

इस समय भी दुनिया पुतिन (Vladimir Putin) के साथ वही कर रही है. यानी रशिया (Russia) पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा कर पुतिन को Corner किया जा रहा है. इससे पुतिन शायद और आक्रामक हो गए हैं. यानी दुनिया उन्हें जितना कोने में धकेलेगी, वो उतनी ही तेज़ी से और आक्रमण करेंगे. इसलिए अब अमेरिका और पश्चिम देशों को ये सोचना चाहिए कि क्या वो पुतिन को रोकने के लिए उनकी कुछ शर्तें मान सकते हैं.

जर्मनी की तरह रशिया को किनारे पर धकेला जा रहा

हम ऐसा इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि जिस तरह से आज पुतिन (Vladimir Putin) को Corner किया जा रहा है, ठीक उसी तरह दूसरे विश्व युद्ध से पहले जर्मनी को भी अलग थलग कर दिया गया था. तब पहले विश्व युद्ध की हार के बाद जर्मनी को युद्ध के हर्जाने के तौर पर फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों को बहुत मोटी रकम देनी होती थी. इससे जर्मनी की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा था. इस आर्थिक बोझ से जर्मनी को इतना कोने में धकेल दिया गया कि वहां पहले Adolf Hitler का उदय हुआ और हिटलर ने दूसरे विश्व युद्ध की जमीन तैयार कर दी. आज भी वैसा ही हो रहा है.

रशिया के पूर्व राष्ट्रपति Dmitry Medvedev (दिमित्री मेदवेदेव) ने कहा है कि आज जिस तरह से अमेरिका और पश्चिमी देश रशिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगा रहे हैं. ये फैसले रशिया को और आक्रामक बना सकते हैं और दुनिया को एक नए युद्ध की आग में झोंक सकते हैं.

क्या Viktor Yanukovych बनेंगे यूक्रेन के नए राष्ट्रपति

इस संकट के बीच यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति Viktor Yanukovych (विक्तर यानु-कोविच) अभी बेलारूस के Minsk में बताए जा रहे हैं. खबरे हैं कि पुतिन यूक्रेन के मौजूदा राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को हटा कर, यानु-कोविच को यूक्रेन का अगला राष्ट्रपति नियुक्त कर सकते हैं. यानु-कोविच 2010 से 2014 तक यूक्रेन के राष्ट्रपति थे और 2014 में वो यूक्रेन को यूरोपीय यूनियन की बजाय रशिया (Russia) के साथ जोड़ना चाहते थे. जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए. 

उन्हें भाग कर रशिया में शरण लेनी पड़ी थी. इसके बाद ही 2014 में रशिया ने क्राइमिया पर कब्जा किया था. इससे आप समझ सकते हैं कि पुतिन (Vladimir Putin) के दिमाग़ में इस समय क्या चल रहा है. वो यूक्रेन में एक ऐसे नेता को राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठा सकते हैं, जिन्हें वो आसानी से कंट्रोल कर पाएंगे और यूक्रेन में अमेरिका और पश्चिमी देशों की भूमिका भी सीमित हो जाएगी.

पुतिन के दिमाग़ में युद्ध को लेकर क्या रणनीति चल रही है. अब आप ये समझिए.

रशिया की सरकारी न्यूज़ एजेंसी Sputnik को दिए एक इंटरव्यू में रशिया के विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो इसमें परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है. ये बयान ऐसे समय में आया है जब व्लादिमीर पुतिन ने अपने परमाणु हथियारों को कंट्रोल करने वाली Forces को अलर्ट किया हुआ है. यानी रशिया, युद्ध के बीच परमाणु हमले की धमकी दे रहा है, जिससे दुनिया में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो सकती है.

रूस की परमाणु पनडुब्बियों ने शुरू किया युद्धाभ्यास

मंगलवार को रशिया (Russia) की परमाणु पनडुब्बियों ने Barents Sea में युद्ध अभ्यास किया है, जिससे दुनिया की चिंता काफ़ी बढ़ गई है. युद्ध के दौरान किए गए ऐसे किसी भी अभ्यास को एक बड़े ख़तरे का संकेत माना जाता है. परमाणु हथियारों को आसमान, जमीन और पानी तीनों माध्यम से लॉन्च किया जा सकता है. रशिया की सेना इन तीनों माध्यम से अपने परमाणु हथियारों की तैयारी को परख रही है.

क्या पुतिन यूक्रेन पर परमाणु हमला करेंगे?

रशिया की Escalate to De-escalate की खास रणनीति है. इस रणनीति का मतलब है कि युद्ध (Russia Ukraine War) को अचानक से इतना ख़तरनाक रूप दे दो कि दुनिया के सभी पक्ष शांति की बात करने पर मजबूर हो जाए. व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) शायद इसी रणनीति पर काम कर रहे हैं. अभी वो युद्ध को Escalate कर रहे हैं और इसके लिए हो सकता है कि वो कम असर वाले परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की भी इजाज़त दे दें. अगर परमाणु बम इस्तेमाल हुआ तो फिर बड़ी बड़ी महाशक्तियों को रशिया के साथ शांति वार्ता के लिए मजबूर होना पड़ेगा. ये ठीक वैसा ही है, जैसे किसी झगड़े में कोई व्यक्ति बहुत क्रोधित हो जाए और सभी लोग उसे शांत करने में जुट जाएं. रशिया इस वक्त ऐसा ही कर रहा है.

वो युद्ध को Escalate कर रहे हैं और जब युद्ध चरम पर होगा तो शायद वो De-escalate की रणनीति पर शिफ्ट हो जाएंगे. पूरी दुनिया में केवल 9 देश ही ऐसे हैं, जिनके पास परमाणु हथियार हैं. और इन देशों में भी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति, रशिया (Russia) ही है. जिनके पास परमाणु हथियार हैं, उन देशों के नाम रशिया, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इज़रायल, उत्तर कोरिया हैं. 

यूक्रेन की बिल्डिंगों पर लगाए जा रहे क्रॉस के निशान

इस युद्ध के बीच यूक्रेन के अलग अलग इलाकों में बिल्डिंग्स पर क्रॉस के निशान बनाए जा रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि रशिया (Russia) की सेना यूक्रेन पर Laser Guided Missiles से अटैक करने वाली है. इसीलिए इन इमारतों को पहले से चिन्हित कर लिया गया है. यानी सम्भव है कि पुतिन इस युद्ध को ज्यादा लम्बा ना खींचे और एक बड़ा हमला करके यूक्रेन को सरेंडर करने के लिए मजबूर करें.

हालांकि यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है कि यूक्रेन का एक एक नागरिक आखिरी सांस तक अपनी आज़ादी के लिए रशिया की सेना से लड़ेगा. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि पिछले सात दिन में वो रशिया (Russia) के 200 से ज़्यादा Tanks को पूरी तरह नष्ट कर चुका है. इस पलटवार में उसके एक भी सैनिक की जान नहीं गई है. यूक्रेन, रशिया के Tanks को निशाना बनाने के लिए खास तरह के Drones का इस्तेमाल कर रहा है, जो एक साथ कई Missiles को लॉन्च करने में सक्षम हैं. ये Drones यूक्रेन ने Turkey से वर्ष 2019 में खरीदे थे.

टर्की के ड्रोन पहुंचा रहे रूस को नुकसान

ये Drones एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में माहिर हैं. अधिकतम 225 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से 18 हज़ार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकते हैं. 
एक समय में चार मिसाइल दाग़ कर Target को नष्ट कर सकते हैं. सबसे अहम ये वज़न में हल्के होते हैं और इन्हें कहीं से भी ऑपरेट किया जा सकता है. यानी यूक्रेन के सैनिक किसी Bomb Shelter में छिप कर भी इसे ऑपरेट कर रशिया की सेना पर हमले कर सकते हैं. 

हालांकि रशिया ने यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय पर झूठी जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है. रशिया (Russia) ने कहा है कि यूक्रेन के Drone अटैक (Russia Ukraine War) में रशिया के 200 Tanks नष्ट होने की बात गलत है बल्कि रशिया की सेना ने बताया है कि उसके मिसाइल हमले में यूक्रेन के ऐसे तीन से चार Drones को नुकसान पहुंचा है. यहां जो बात आपको समझनी है, युद्ध केवल त्रासदी नहीं लाता बल्कि ये हथियार बेचने वाले देशों के लिए एक सुनहरे मौके की तरह होता है.

उदाहरण के लिए, पिछले तीन दिन से पूरी दुनिया में टर्की के इन Drones को चर्चा हो रही है. और कुछ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि, पूर्वी यूरोप के कुछ और देशों ने टर्की से यही Drones खरीदने की इच्छा जताई है. यानी इस तरह के हथियारों के बारे में जो जानकारियां आ रही हैं, वो एक रणनीति का भी हिस्सा हो सकता है, जिससे हथियार बेचने वाले देशों का फायदा हो. और इस समय ऐसा ही हो रहा है.

हालांकि यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने ऐसा कई Videos जारी किए हैं, जिनमें ये Drones रशिया की सेना को ज़बरदस्त तरीक़े से नुकसान पहुंचाते हुए दिख रहे हैं. 

यूक्रेनी नागरिक भी आजादी की लड़ाई में आगे

रशिया के ख़िलाफ़ यूक्रेन की सेना ही नहीं लड़ रही. बल्कि यूक्रेन के नागरिक भी खुशी खुशी इस युद्ध (Russia Ukraine War) में हिस्सा ले रहे हैं. उत्तर पूर्वी यूक्रेन के Kup'yans'k (कप-यांस्क) इलाक़े में बुधवार को निहत्थे नागरिकों ने रशियन सैनिकों की एक गाड़ी को घेर लिया और ये लोग इस गाड़ी पर चढ़ गए. यूक्रेन के ये नागरिक रशिया के इन सैनिकों से ये कह रहे थे कि वो मरने के लिए भी तैयार हैं. वे कह रहे थे कि रशिया के सैनिक या तो उन्हें जान से मार दें या उनका देश छोड़ कर चले जाएं. सोचिए, ये लोग अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान तक देने को तैयार हैं.

पूर्वी यूक्रेन के Marioupol (मैरिओपोल) में भी यूक्रेन के नागरिकों ने रशिया की सेना के 5 किलोमीटर लम्बे एक काफिले को रोक दिया. रशिया के सैनिकों ने इन लोगों को डराने के लिए हवा में फायरिंग भी की लेकिन ये लोग Tanks के सामने चट्टान की तरह डटे रहे.

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लोग तैयार कर रहे हैं पेट्रोल बम

यूक्रेन में Beer बनाने वाली कई फैक्ट्रियों में अब पेट्रोल बम बनाए जा रहे हैं. इस तरह के Bombs को Molotov Cocktail Petrol Bomb भी कहा जाता है. इनका पहली बार इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध के समय सोवियत रूस की सेना ने फिनलैंड पर किया था.

यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने अपने नागरिकों से रशियन Tanks पर इन्हीं Bombs से हमला करने के लिए कहा है. यानी इस युद्ध में यूक्रेन की सेना और उसके नागरिक मिल जुल कर रशिया से लड़ाई लड़ रहे हैं.

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