Saleem Sherwani: लोकसभा और राज्यसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को झटके पर झटके लग रहे हैं. पार्टी में अंदरूनी कलह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. बीते कुछ दिनों में पार्टी के कई नेताओं ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है.
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Saleem Sherwani: लोकसभा और राज्यसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को झटके पर झटके लग रहे हैं. पार्टी में अंदरूनी कलह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. बीते कुछ दिनों में पार्टी के कई नेताओं ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है. आज रविवार को इस लिस्ट में सलीम शेरवानी का नाम भी शामिल हो गया है. उन्होंने सपा में मुसलमानों के कम होते विश्वास की बात कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है.
सलीम शेरवानी ने अखिलेश को दिया झटका
सपा के वरिष्ठ नेता सलीम शेरवानी ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि मुसलमान उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. पार्टी में उनका विश्वास लगातार कम हो रहा है. पांच बार के सांसद शेरवानी पार्टी के सदस्य बने रहेंगे. शेरवानी के इस्तीफा देने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि सपा में अंदरखाने कलह चल रही है. लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है.
महासचिव पद से दिया इस्तीफा
शेरवानी ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए अखिलेश यादव को पत्र में लिखा, 'मुस्लिम लगातार उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और राज्यसभा चुनाव में भी किसी मुस्लिम को नहीं भेजा गया. मुसलमानों को एक सच्चे नेता की तलाश है. मेरा मानना है कि सपा में रहते हुए वह मुसलमानों की स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं ला सकते.'
..मुसलमान उपेक्षित महसूस कर रहे हैं
सलीम शेरवानी ने कहा, 'मैं पिछले कुछ समय से लगातार आपके (अखिलेश यादव) साथ मुसलमानों की स्थिति पर चर्चा कर रहा हूं. मैंने हमेशा यह बताने की कोशिश की है कि मुसलमान उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और पार्टी में उनका विश्वास लगातार खो रहा है. उनके बीच दूरियां बढ़ रही हैं.'
राज्यसभा में मुस्लिम उम्मीदवार नहीं
उन्होंने कहा, 'मैंने बार-बार पार्टी की परंपरा के अनुसार मुस्लिम समुदाय के लिए राज्यसभा सीट का अनुरोध किया है. हालांकि मेरे नाम पर विचार नहीं किया गया, पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं था. जिस तरह से आपने राज्यसभा के लिए टिकट वितरित किए हैं. यह दर्शाता है कि आप खुद पीडीए को महत्व नहीं दे रहे. ऐसे में यह सवाल भी उठना लाजमी है कि आप (अखिलेश यादव) भाजपा से कैसे अलग हैं?'
सपा में सबकुछ ठीक नहीं..
समाजवादी पार्टी में इन दिनों इस्तीफे की झड़ी लग हुई है. शेरवानी पहले नेता नहीं हैं जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है. इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी पार्टी के महासचिव पद से अपना इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया था. स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के पीछे पार्टी में उनके खिलाफ हो रही गुटबंदी सामने आई थी. मौर्य के विवादित बयानों से पार्टी और पार्टी नेता लगातार पल्ला झाड़ते आ रहे थे.
पार्टी से नाराज हैं कई नेता
स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अपना दल (कमेरावादी) की ओबीसी नेता पल्लवी पटेल ने सपा से नाराजगी जताई थी. उन्होंने राज्यसभा चुनाव में अगड़ी जाति के नेताओं को उम्मीदवार बनाने के पार्टी के फैसले पर आपत्ति जताई थी. तकनीकी रूप से देखें तो पल्लवी पटेल सपा विधायक हैं क्योंकि उन्होंने 2022 में सपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था. राज्यसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा था कि वे सपा उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान नहीं करेंगी. पटेल ने कहा था कि पार्टी ने दलितों, ओबीसी और मुसलमानों की अनदेखी की है.