Saradha case: बंगाल चुनाव के बीच टीएमसी (TMC) नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ईडी ने शारदा चिट फंड केस में टीएमसी के कुछ बड़े नेताओं की प्रॉपर्टी अटैच की है.
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नई दिल्ली: बंगाल चुनाव के बीच टीएमसी (TMC) नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ED ने शारदा चिट फंड घोटाले में TMC सांसद शताब्दी रॉय, पूर्व TMC सांसद कुणाल घोष और दूसरे आरोपियों की 3 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी मनी लॉड्रिंग मामले में अटैच की है. प्रर्वतन निदेशालय ने अब तक शारदा चिट फंड मामले में 600 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि शारदा चिट फंड धनशोधन मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष, पार्टी की सांसद शताब्दी रॉय और देबजानी मुखर्जी की तीन करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की गई है. इस मामले में धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत चल और अचल संपत्ति को अटैच करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि शारदा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस से राज्य सभा के पूर्व सदस्य कुणाल घोष (मीडिया समूह शारदाके सीईओ), टीएमसी की लोक सभा सांसद शताब्दी रॉय (शारदा में ब्रांड एंबेसडर) और शारदा कंपनी समूह में निदेशक देबजानी मुखर्जी की संपत्ति अटैच की है.
इस मामले में अभी तक 600 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति अटैच की जा चुकी है. जांच एजेंसी अप्रैल 2013 से ही कथित पोंजी घोटाला में धनशोधन के पहलुओं की जांच कर रही है. शारदा समूह ने अपनी अवैध योजनाओं में निवेश करने पर ज्यादा रिटर्न दिलाने का वादा कर कथित तौर पर हजारों लोगों से ठगी की थी.
कुणाल घोष जमानत पर बाहर हैं और उन्हें 2013 में कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. हालांकि बाद में उन्हें पार्टी प्रवक्ता के पद पर बहाल कर दिया गया था. ईडी ने इस मामले में उनसे और अन्य लोगों से पूछताछ की थी.