'बाहुबली बांध' में लगे कंक्रीट से चांद तक बन सकती है सड़क, जानें सरदार सरोवर की 11 खासियत
Advertisement
trendingNow1341900

'बाहुबली बांध' में लगे कंक्रीट से चांद तक बन सकती है सड़क, जानें सरदार सरोवर की 11 खासियत

एक अनुमान के मुताबिक सरदार सरोवर बांध को बनाने में जितीन कंक्रीट का प्रयोग हुआ है, उससे जमीन से लेकर चंद्रमा तक सड़क बनाई जा सकती है.

 

कई विवादों से गुजरने के बाद सरदार सरोवर बांध बनकर तैयार हुआ है. (तस्वीर साभार: sardarsarovardam.org)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 67वें जन्मदिन पर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना का लोकार्पण करेंगे. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर नेहरू ने इस विशालकाय बांध की नीव रखी थी. कई विवादों को झेलने के बाद 56 साल बाद यह बांध बनकर तैयार हुआ है. बांध के उद्घाटन के मौके पर पूरे सरदार सरोवर बांध को दुल्हन की तरह सजाया गया है. सफेद, लाल और गुलाबी रंग की LED लाइट से सजाए गए पूरे बांध की खूबसूरती देखते ही बन रही है. एक अनुमान के मुताबिक सरदार सरोवर बांध को बनाने में जितीन कंक्रीट का प्रयोग हुआ है, उससे जमीन से लेकर चंद्रमा तक सड़क बनाई जा सकती है. इससे बड़ा केवल अमेरिका में एक बांध है. आइए इस बांध की विशालता और इससे होने वाले फायदे पर एक नजर डालते हैं. 

  1. सरदार सरोवर बांध दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है
  2. पंडित नेहरू ने इस बांध की रखी थी नींव
  3. सरदार पटेल ने इस बांध की परिकल्पना की थी

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी देश को सौंपेंगे सरदार सरोवर बांध

1. सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1946 में इस बांध की परिकल्पना की थी. इस पर काम 1970 के दशक से ही प्रारंभ हो पाया. 
2. इस बांध परियोजना और इस पर बनी विद्युत परियोजना से चार राज्यों गुजरात, महाराष्ट, राजस्थान और मध्य प्रदेश को लाभ मिलेगा.
3. 5 अप्रैल 1961 को प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने सरदार सरोवर बांध की नींव रखी थी.
4. 65 हजार करोड़ रुपये हुए खर्च.
5. 138 मीटर ऊंचाई, देश में बना सबसे ऊंचा बांध. 
6. 30 दरवाजे हैं, हर दरवाजे का वजन 450 टन है.
7. 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी जमा करने की क्षमता.
8. 6000 मेगावॉट बिजली पैदा होगी बांध से.
9. 86.20 लाख क्यूबिक मीटर कॉन्क्रीट का प्रयोग बांध बनाने में हुआ है. इतने कंक्रीट में जमीन से चंद्रमा तक सड़क बनाया जा सकता है.
10. सरदार सरोवर बांध का सबसे अधिक फायदा गुजरात को मिलेगा. यहां के 15 जिलों के 3137 गांवों के 18.45 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकेगी. 
11. बिजली का सबसे अधिक 57 प्रतिशत हिस्सा मध्य प्रदेश को मिलेगा. महाराष्ट्र को 27 प्रतिशत, जबकि गुजरात को 16 प्रतिशत बिजली मिलेगी. दूसरी ओर, राजस्थान को सिर्फ पानी मिलेगा.

नर्मदा बचाओ आंदोलन ने सरदार सरोवर बांध के उद्घाटन के फैसले का विरोध किया
नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने सरदार सरोवर बांध के उद्घाटन के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए बांध के कारण प्रभावित करीब चालीस हजार परिवारों का पुनर्वास किए बिना बांध के दरवाजे बंद किए जाने की निंदा की. सोशल एक्टिविस्ट मेधा पाटकर के नेतृत्व में छोटा बरदा गांव में तीन दर्जन महिलाएं जल सत्याग्रह पर बैठ गई हैं.

मेधा पाटेकर का कहना है कि बांध के दरवाजे बंद करने से इस बांध की ऊंचाई बढ़कर 138 मीटर हो जाएगी और इसके कारण 192 गांवों के करीब 40 हजार परिवारों के आवास जलमग्न हो जाएंगे. एनबीए ने कहा कि मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खारगोन जिलों के 192 गांवों के अलावा धार जिले का एक शहर धरमपुरी भी डूब क्षेत्र में है. नर्मदा के डूब क्षेत्र में महाराष्ट्र के 33 और गुजरात के 19 गांव भी शामिल हैं. यह सभी पूर्णत: आदिवासी गांव हैं, जिसमें से महाराष्ट्र के सात पहाड़ी गांवों को वनग्राम का दर्जा मिला है. राजधानी दिल्ली में नर्मदा बचाओ आंदोलन की अगुवाई करने वाली एवं मेधा पाटेकर की सहयोगी कार्यकर्ता उमा ने कहा, ‘‘यह उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की अवमानना है. सरकार की ओर से पुनर्वास का काम पूरा करने का दावा बिल्कुल झूठा है. उच्चतम न्यायालय ने नर्मदा ट्रिब्यूनल का फैसला, राज्य की उदार पुनर्वास नीति व एक्शन प्लान पर पूरी तरह से अमल करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह सब किये बगैर ही सरकार बांध की ऊंचाई 90 मीटर से बढ़ाकर 120 मीटर करने जा रही है. ’’ 

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश शासन ने बांध के कारण विस्थापित होने वाले परिवारों के आंकड़े भी कम करके दिखाये हैं. उन्होंने कहा कि 2008 में ही मध्य प्रदेश शासन ने कुल 53,000 विस्थापित परिवारों में से 4,374 परिवारों को बिना कारण बताये ही हटा दिया.

इनपुट: भाषा

ये भी देखे

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news