सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी.
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नई दिल्ली: तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) की गतिविधियों में शामिल होने के चलते विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्ट किए जाने के मामले में केन्द्र सरकार दो जुलाई को अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में देगी. केन्द्र सरकार की माँग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 2 जुलाई के लिए टाली.
गौरतलब है कि तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के चलते 3460 विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट किये जाने के गृहमंत्रालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि याचिका की कॉपी सरकार को नहीं मिली है, इसलिए कोर्ट ने सुनवाई 2 जुलाई के लिए टाल दी है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वीजा रद्द किए जाने या ब्लैक लिस्ट किये जाने को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक आदेश पास नही किया गया. सिर्फ एक प्रेस रिलीज की जारी हुई और उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं. यहां तक कि जब जमानत की मांग को लेकर कुछ लोगों की अर्जी पर जब हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी, उस समय भी सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश पेश नहीं किया गया था.
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जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'हमारी समझ के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति के केस में अलग से आदेश पास किया जाना चाहिए था, पर हमारे पास सिर्फ एक प्रेस रिलीज है. हम ये जानना चाहते हैं कि क्या प्रत्येक व्यक्ति के लिए आदेश जारी हुए या नहीं? इस सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि याचिका की कॉपी सरकार को नहीं मिली है, इसलिए जवाब नहीं दिया जा सकता. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 2 जुलाई के लिए टाल दी.
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गौरतलब है कि पिछले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों को गृहमंत्रालय द्वारा ब्लैक लिस्ट किये जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था. इस याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार का ये फैसला अंसवैधानिक है क्योंकि ब्लैकलिस्ट करने से पहले ना तो उनको नोटिस दिया गया और ना ही उनका पक्ष सुना गया. गृहमंत्रालय ने तब्लीगी जमात में शामिल हुए करीब 2500 विदेशी नागरिकों के भारत आने पर 10 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है. इनमें से बहुत से विदेशी नागरिकों को पहले ही ब्लैकलिस्ट किया जा चुका था. ये सभी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे.
मार्च में जब देश में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे थे तब दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए थे. कहा गया कि उनकी वजह से अन्य लोगों में भी कोरोना वायरस बहुत ज्यादा संख्या में फैल गया था. उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रैल महीने में तब्लीगी जमात के 960 विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्ट कर दिया था. साथ ही इनके वीजा को रद्द कर दिया गया था. गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस व अन्य राज्यों की पुलिस से कहा था कि वह अपने-अपने क्षेत्र में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम व विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत कार्रवाई करें.