पिछली सुनवाई में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस इंदू मलहोत्रा की पीठ ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई कर रही पुरानी पीठ जस्टिस आदर्श गोयल के रिटायर होने से बदल गई है.
Trending Photos
नई दिल्ली : SC/ST एक्ट में बदलाव से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 30 अप्रैल से अंतिम सुनवाई करेगा. पिछले साल कोर्ट ने इस एक्ट के तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, बाद में सरकार ने कानून बदल कर ये प्रावधान फिर जोड़ दिया था. इसके खिलाफ याचिकाओं और सरकार की पुनर्विचार अर्ज़ी पर साथ सुनवाई होगी. पिछले साल 20 मार्च को दिए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों और आम लोगों के खिलाफ एससीएसटी कानून के दुरुपयोग को देखते हुए उसमें गिरफ्तारी के प्रावधानों को हल्का कर दिया था. कोर्ट ने प्राथमिक जांच के बाद ही आपराधिक केस दर्ज करने और सरकारी कर्मचारियों के मामले में गिरफ्तारी से पहले संबंधित अधिकारी से पूर्व अनुमति लेने को भी आवश्यक बना दिया था.
दरअसल, पिछली सुनवाई में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस इंदू मलहोत्रा की पीठ ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई कर रही पुरानी पीठ जस्टिस आदर्श गोयल के रिटायर होने से बदल गई है, इसलिए सभी मामलों पर नए सिरे से सुनवाई होगी. कोर्ट ने कहा था कि मामले पर लगातार तीन दिनों तकसुनवाई होगी और जरूरत पड़ी तो एक या दो दिनों तक सुनवाई बढ़ाई भी जा सकती है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को मामले पर सुनवाई करते हुए एससी एसटी कानून में संशोधनों पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर देश में बवाल के बाद केंद्र सरकार ने संसद में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम, 2018 पारित कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया था. संशोधित कानून के मुताबिक आपराधिक केस दर्ज करने से पहले प्राथमिक जांच और गिरफ्तारी से पूर्व अनुमति के प्रावधान को भी खत्म कर दिया गया था.