शोधकर्ताओं ने जिन 2700 मरीजों पर अध्ययन किया, उनमें से 22 फीसदी मरीजों की मौत हो गई. इन मरीजों कों सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
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नई दिल्लीः कोरोना वायरस ने दुनिया भर में पैर पसारे हैं. वैज्ञानिक आए दिन ही कोविड-19 (Covid-19) पर लगातार एक के बाद एक परीक्षण कर रहे हैं और इसके कारणों का पता लगा रहे हैं. कोरोना को लेकर हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक शोध किया जिसमें इस वायरस के कारण का पता लगाया है. वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि शरीर में मौजूद पांच तरह के जीन के कारण कोरोना संक्रमण ज्यादा घातक होता है.
5 तरह के जीन के कारण जानलेवा होता है कोरोना वायरस
ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने महामारी से ग्रसित मरीजों के डीएन पर शोध करके पता लगाया है कि मानव शरीर में मौजूद पांच तरह के जीन के कारण कोरोना संक्रमण ज्यादा घातक होता है. अब ताजा शोध में किसी स्तर तक ये साफ हो चुका है कि आखिर क्यों कोरोना वायरस की वजह से लोगों की जान जा रही है और किस तरह कई मरीज बड़ी आसानी से ठीक होते जा रहे हैं.
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मानव शरीर में जीन का वर्गीकरण
वैज्ञानिकों का कहना है कि मनुष्य के शरीर के अंदर जीन टीवाईके2, सीसीआर2, ओएएस1, आईएफएनएआर2 और डीपीपी9 जैसे पांच जीन पाए जाते हैं. इन पर शोध करने के लिए शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के 208 आईसीयू यूनिट में भर्ती रहे 2700 मरीजों के डीएनए डेटा का विश्लेषण किया. इसी के साथ इस डेटा की तुलना ब्रिटेन के अन्य एक लाख लोगों के साथ की गई. शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि पांच तरह के जीन के कारण शरीर में दो प्रकार प्रभाव देखने को मिलते हैं. इसके तहत एंटीवायरल इम्युनिटी और लंग इंफ्लेमेशन की पहचान हुई.
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शोधकर्ताओं ने जिन 2700 मरीजों पर अध्ययन किया, उनमें से 22 फीसदी मरीजों की मौत हो गई. इन मरीजों कों सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. ताजा शोध प्रतिष्ठित नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.