Exclusive: दाऊद के भाई की वजह से पकड़ा गया उसका दाहिना हाथ जबीर मोती
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Exclusive: दाऊद के भाई की वजह से पकड़ा गया उसका दाहिना हाथ जबीर मोती

इकबाल कासकर ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को जो जानकारी दी, उसके आधार पर ही जबीर मोती की गिरफ्तारी हो गई.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारत से भागे हुए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के फाइनैंस मैनेजर जबीर सिद्दकी के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों की मानें तो दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर की वजह से ही उसका दाहिना हाथ माना जाने वाला जबीर सिद्दकी उर्फ जबीर मोती आज सलाखों के पीछे है. इकबाल कासकर ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को जो जानकारी दी, उसके आधार पर ही जबीर मोती की गिरफ्तारी हो पाई. इसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है.

  1. जबीर सिद्दकी दाऊद का बेहद करीबी है.
  2. इकबाल कास्कर ने उसके बारे में खुलासा किया. 
  3. फारूक टकला ने भी जबीर मोती का नाम लिया.

ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसी ने जबीर मोती को लंदन के एक होटल से गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक वो ब्रिटेन, यूएई, अफ्रीका समेत कई देशों में डी-कंपनी के पैसों का लेनदेन देख रहा था. बेदह करीबी सूत्रों ने बताया कि ठाणे पुलिस और खुफिया ब्यूरो के साथ पूछताछ में इकबाल कासकर ने जबीर मोती के बारे में बेहद महत्वपूर्ण खुलासे किए. इसके साथ ही दाऊद के एक और करीबी साथी फारूक टकला, जिसे हाल में दुबई से भारत लाया गया है, उसने भी जांच के दौरान जबीर मोती का नाम लिया.

जबीर मोती की गिरफ्तारी 
इकबाल कासकर से मिली जानकारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया कि वो ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ संपर्क करें. इसके बाद ब्रिटेन ने भारतीय एजेंसियों के दावों की पुष्टि करने के लिए जबीर मोती पर लंबे समय तक लगातार नजर रखी. भारतीय एजेंसियों के दावे सही साबित होने के बाद यूके पुलिस ने दाऊद के दाएं हाथ जबीर मोती को गिरफ्तार कर लिया. 

सूत्रों का दावा है कि इकबाल ने जांच के दौरान कहा कि दाऊद की पूरी कमाई का हिसाब-किताब जबीर ही रखता है. इकबाल कासकर ने ये खुलासा भी किया कि जबीर ने दाऊद की पत्नी, बेटे, बेटी और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से कई निवेश कर रखे हैं. 

हजारों करोड़ का काला साम्राज्य 
जबीर मोती सीधे दाऊद को रिपोर्ट करता था. कहा जाता है कि वो 150 से अधिक फर्जी कंपनियों का सीईओ है. डी कंपनी के ड्रग, हथियार, नकली नोट, जुआं, वसूली जैसे अवैध कारोबार से होने वाली कमाई की 10-15% रकम जबीर मोती को भेजी जाती थी, ताकि वो उसे व्हाइट मनी में बदल सके. फर्जी कंपनियों की मदद से जबीर मोती उस पैसे को दाऊद के परिवारवालों से संबंधित बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर देता था. ये रकम उन लोगों के खातों में भेजी जाती थी, जिनका कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड नहीं था. 

एक अनुमान के मुताबिक जबीर ने 8000 करोड़ रुपये का काला साम्राज्य दुबई, शाहजहा, ओमान, मस्कट, लंदन और अन्य शहरों में फैला रखा है. रियल इस्टेट बिजनेस के अलावा कराची स्टॉक एक्सचेंज में भी उसका कारोबार फैला हुआ है.

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