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नई दिल्ली: अब अपने देश भारत की बात करते हैं, जहां लोग चीन (China) को छोड़कर इस बात पर बहस कर रहे हैं कि आर्यन खान (Aryan Khan) की जमानत इसलिए नहीं हो रही क्योंकि शाहरुख खान (Shahrukh Khan) एक मुस्लिम सुपर स्टार (Muslim Superstar) हैं.
वर्ष 2010 में शाहरुख की एक मशहूर फिल्म आई थी, जिसका नाम था- माई नेम इज खान (My Name Is Khan) और हमारे देश की सारी विभाजनकारी ताकतें यही साबित करने में लगी हैं कि खान होने की वजह से ही शाहरुख खान के परिवार के साथ ये सब हो रहा. लेकिन आज हम कहेंगे कि हिज नेम इज खान (His Name Is Khan). लेकिन उन्हें सुपर स्टार बनाने वाले सिर्फ मुसलमान नहीं है. शाहरुख खान का स्टारडम धर्म निरपेक्ष है, क्योंकि उन्हें इतना बड़ा स्टार बनाने वालों में हिंदू भी हैं, मुसलमान भी हैं, सिख भी है और ईसाई भी हैं.
आर्यन खान ड्रग्स केस में इन दिनों मुंबई की एक जेल में बंद हैं और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) उनकी जमानत का बार-बार विरोध कर रहा है. लेकिन हमारे देश के कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि शाहरुख खान और उनके बेटे के साथ इसलिए ऐसा हो रहा है क्योंकि वो एक मुसलमान हैं. इस बारे में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा, 'आर्यन खान का सरनेम खान है, इसलिए जांच एजेंसी बार-बार उनकी जमानत का विरोध कर रही है.' महबूबा मुफ्ती ने तो ये भी कह दिया कि बीजेपी हिंदुओं को लुभाने के लिए मुसलमानों के साथ ऐसा कर रही है.
Instead of making an example out of a Union Minister’s son accused of killing four farmers, central agencies are after a 23 year old simply because his surname happens to be Khan.Travesty of justice that muslims are targeted to satiate the sadistic wishes of BJPs core vote bank.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 11, 2021
आज देश का एक बड़ा वर्ग सोशल मीडिया पर शाहरुख खान को मुस्लिम सुपर स्टार कहकर बुला रहा है, और एजेंडे पर चलने वाले कुछ पत्रकारों को भी लगता है कि शाहरुख खान एक मुस्लिम सुपर स्टार हैं. इसलिए उनके साथ ऐसा हो रहा है. लेकिन सच ये है कि जब किसी फिल्म के सेट पर जैसे ही कोई डायरेक्टर लाइट, कैमरा और एक्शन बोलता है, तो शाहरुख खान कभी राज तो कभी राहुल में बदल जाते हैं. सलमान खान कभी बजरंगी भाई जान तो कभी राधे में बदल जाते हैं. इसके बाद जब फिल्म रिलीज होती है तो हजारों लाखों लोग इसे देखने सिनेमा हॉल में जाते हैं. इसमें हिंदू भी होते हैं, मुसलमान भी, तो सिख और ईसाई भी. किसी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म का हीरो हिंदू है या मुसलमान. लेकिन राजनीति के सेट पर जैसे ही नेताओं को लाइट कैमरा और एक्शन सुनाई देता है, उन्हें सब कुछ हिंदू और मुसलमान वाले चश्मे से दिखाई देने लगता है. फिर डिजाइनर पत्रकारों से इस फिल्म की स्क्रिप्ट लिखवाई जाती है और इनका एजेंडा लोगों के बीच रिलीज हो जाता है.
लेकिन सच ये है कि शाहरुख खान सुपर स्टार इसलिए नहीं है क्योंकि वो एक मुसलमान है वो इसलिए एक सुपर स्टार हैं क्योंकि वो एक शानदार एक्टर हैं. उनमें प्रतिभा है, काबीलियत है. उन्होंने दिल्ली के मध्यमवर्गीय परिवार से बॉलीवुड के किंग खान तक का सफर तय किया है. उनसे उनका ये संघर्ष और उनकी ये यात्रा कोई नहीं छीन सकता. पूरा भारत शाहरुख खान से प्यार करता है, और उन्हें और उनकी फिल्मों को पसंद करने वालों में सभी धर्मों के लोग हैं. इसलिए जो लोग आर्यन खान के मामले को धर्म के चश्मे से देख रहे हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि क्या शाहरुख खान सिर्फ देश के मुसलमानों के भरोसे इतने बड़े सुपर स्टार बने हैं? जब कि सच ये है कि शाहरुख खान की ज्यादातर फिल्मों के प्रोड्यूसर हिंदू हैं, उनकी फिल्में डायरेक्ट करने वाले ज्यादातर निर्देशक भी हिंदू हैं, संगीतकार और गायक भी हिंदू हैं, और करोड़ों हिंदू दर्शकों ने उनकी फिल्मों को सुपर हिट बनाया है. अब आप सोचिए इससे बड़ा धर्मनिरपेक्षता क्या हो सकता है.
शाहरुख अकेले नहीं हैं. भारत में अगर किसी क्रिकेटर पर मैच फिक्सिंग के बाद बैन लगा दिया जाए तो ये लोग ही नहीं बल्कि वो क्रिकेटर भी ये कहने लगता है कि वो मुसलमान है. इसलिए उसके साथ ऐसा किया गया है. आप समझ गए होंगे कि हम भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन (Mohammad Azharuddin) की बात कर रहे हैं. किसी अल्पसंख्यक नेता को चुनाव में मेरिट के हिसाब से टिकट न मिले तो भी ये लोग उसके मुसलमान होने की दलील देते हैं. किसी को किसी मोहल्ले में घर न मिले तो भी लोग इसमें धर्म को शामिल कर लेते हैं. ये लोग ऐसा इसलिए करते हैं. क्योंकि इनके एजेंडे पर यही सबसे ऊपर रहता है. अब शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के मामले में भी ऐसा ही हो रहा है. आर्यन खान की गिरफ्तारी को जो लोग धर्म से जोड़ रहे हैं. उन्हें हम वर्ष 2014 में चीन की राजधानी बीजिंग में हुई एक घटना के बारे में बताना चाहते हैं.
वर्ष 2014 में चीन की पुलिस को वहां की फिल्मों के सुपर स्टार जैकी चैन (Jackie Chan) के बेटे जोयेस चैन (Joyece Chain) के घर से 100 ग्राम गांजा मिला था. तब जैकी चैन ने कहा था कि वो अपने बेटे की इस हरकत पर शर्मिंदा हैं और उन्होंने इसके लिए सार्वजनिक माफी मांगी थी. जैकी चैन बौद्ध धर्म को मानते हैं. जनसंख्या के हिसाब से चीन में बौद्ध धर्म को मानने वाले अल्पसंख्यक हैं. लेकिन जैकी चैन या उनके समर्थकों ने कभी ये नहीं कहा कि उनके अल्पसंख्यक होने की वजह से उनके बेटे को फंसाया गया है. जबकि चीन न तो धर्म निरपेक्ष देश है, और न ही वहां लोकतंत्र है. जबकि भारत में ये दोनों ही खूबियां है. फिर भी हमारे देश में लोग हर घटना के साथ धर्म को जोड़ देते हैं. यही शाहरुख खान और उनके बेटे के मामले में हो रहा है.
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