DNA: शाहजहां शेख इतने दिन कहां था? संदेशखाली की इनसाइड स्टोरी समझ लीजिए
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DNA: शाहजहां शेख इतने दिन कहां था? संदेशखाली की इनसाइड स्टोरी समझ लीजिए

Sandeshkhali News: शाहजहां का रुतबा पेशी के बाद भी दिखा, जब शाहजहां शेख कोर्ट से बाहर निकला और गाड़ी में बैठा. तब इसे देखकर कोई नहीं कह सकता था कि ये कोई अपराधी है, जिसे पुलिस ने 55 दिन की फरारी के बाद गिरफ्तार किया है.

DNA: शाहजहां शेख इतने दिन कहां था? संदेशखाली की इनसाइड स्टोरी समझ लीजिए

Shajahan Sheikh Mamata Banerjee: शाहजहां शेख की 55 दिन बाद हुई गिरफ्तारी हुई है. जिस शाहजहां शेख पर 42 केस दर्ज है, जिसपर ED की टीम पर हमले का आरोप है, जिस शाहजहां पर महिलाओं के यौन शोषण और जमीनें कब्जाने के आरोप लगे. उसे गिरफ्तार करने में पश्चिम बंगाल पुलिस को 55 दिन का समय लग गया. बुधवार की रात पश्चिम बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख को संदेशखाली से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर मिनाखान इलाके के एक घर से गिरफ्तार किया, जहां शाहजहां शेख अपने कुछ सहयोगियों के साथ छिपा हुआ था.

असल में गिरफ्तारी के बाद शाहजहां शेख को देखकर नहीं लग रहा कि उसे कोई मलाल है. जब उसे बशीरहाट कोर्ट में पेश किया गया था. आगे-आगे शाहजहां शेख और पीछे पीछे पुलिस. पुलिसवाले शाहजहां शेख के साथ ऐसे चल रहे हैं जैसे राज्य की मुख्यमंत्री के साथ चलते हैं. किसी पुलिसवाले की हिम्मत नहीं थी कि शाहजहां शेख को छू सके. बॉडी लैंग्वेज देखकर नहीं लगता कि पुलिस इसे कोर्ट में लेकर आई है. 

कोर्ट से पुलिस ने 14 दिन की कस्टडी मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने शाहजहां शेख को 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा. शाहजहां की रिमांड कॉपी में इसबात का जिक्र है, कि उसने जांच अधिकारी के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया है. उसने ED अधिकारियों पर हमले में अपनी भूमिका मानी है.

इसके अलावा रिमांड कॉपी में कहा गया है कि...
- शाहजहां शेख अपने क्षेत्र का प्रभावशाली व्यक्ति है, जो जमानत पर रिहा होने के बाद फरार हो सकता है. फरारी के दौरान मामले के गवाहों को धमकाने की पूरी संभावना है.

- रिमांड कॉपी में जिक्र है कि ED अधिकारियों पर हमले में कई उपद्रवी शामिल है, जिनकी पहचान शाहजहां शेख करा सकता है.

- इसके अलावा ED अधिकारियों से लूटे गए सामान की बरामदगी करने की बात भी कही गई है.

- पुलिस ने जमानत का विरोध ये कहते हुए भी किया, कि क्षेत्र में शाहजहां की छवि अच्छी नहीं है. अगर जमानत मिलती है तो क्षेत्र में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है.

शाहजहां का रुतबा पेशी के बाद भी दिखा, जब शाहजहां शेख कोर्ट से बाहर निकला और गाड़ी में बैठा. तब इसे देखकर कोई नहीं कह सकता था कि ये कोई अपराधी है, जिसे पुलिस ने 55 दिन की फरारी के बाद गिरफ्तार किया है. पूरी ठसक और अकड़ के साथ शाहजहां शेख पुलिस की गाड़ी में सवार हुआ. पुलिस कस्टडी में शाहजहां शेख का अंदाज बताता है कि संदेशखाली ही नहीं पूरे पश्चिम बंगाल में उसका क्या रुतबा और रसूख है.

शाहजहां शेख पर करीब 42 केस दर्ज हैं, इनमें महिलाओं के यौन शोषण और जमीन कब्जाने के मामले भी हैं, लेकिन पुलिस ने

- शाहजहां शेख को ED की टीम पर हमला करने, ED टीम की गाड़ियां तोड़ने और कागजात छीनने के आरोप में गिरफ्तार किया.

- 5 जनवरी 2024 को ED की टीम पर उस समय हमला किया गया था, जब ED की टीम शाहजहां शेख के घर जांच के सिलसिले में पहुंची थी.

- ED टीम पर हमले के बाद से शाहजहां शेख फरार चल रहा था, जिसे बुधवार की रात गिरफ्तार किया गया.

55 दिन बाद शाहजहां शेख की गिरफ्तारी तब संभव हो सकी, जब कलकत्ता हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि शाहजहां शेख को CBI, ED या पुलिस कोई भी गिरफ्तार कर सकता है. हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के महज 24 घंटे के भीतर शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन इस गिरफ्तारी को विपक्षी नेता Planed बता रहे हैं.

शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के बाद TMC ने उसे पार्टी से निलंबित कर दिया, ताकि शाहजहां शेख का साथ देने के आरोपों से बचा जा सके. लेकिन 5 जनवरी के बाद से शाहजहां शेख की कथित फरारी, फिर अचानक 55 दिन बाद उसका गिरफ्तार होना, कई तरह के संदेह पैदा करता है कि पार्टी ने अपने इस नेता को बचाने की हर संभव कोशिश की थी. इसके पीछे कई मजबूत और पुख्ता वजह हैं. इसपर हमने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसे आपको देखना चाहिए.

कहते हैं कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं. लेकिन संदेशखाली से 30 किमी दूर बैठे शाहजहां शेख तक पहुंचने में पश्चिम बंगाल पुलिस को 55 दिन लग गए. जबकि विपक्षी नेता बार बार कह रहे थे, कि शाहजहां संदेशखाली के आसपास ही छिपा है.

जबकि ऐसा तो कुछ था ही नहीं, कोर्ट ने शाहजहां की गिरफ्तारी पर कोई स्टे नहीं लगाया था. हुआ ये था, कि

- ED ने जांच में 10 हज़ार करोड़ के राशन घोटाले की बात कही. दावा किया कि 2 हज़ार करोड़ रुपये बांग्लादेश के रास्ते दुबई भेजे गए हैं.

- उधर, बंगाल पुलिस ने SIT का गठन कर जांच की तैयारी की. इसके खिलाफ ED ने कोर्ट से अपील की, कि जांच CBI से कराई जाए.

- घोटाले का पैसा विदेश भेजने की जांच CBI करेगी या SIT कोर्ट ने फैसला नहीं दिया था, और इसपर स्टे लगा दिया था.

लेकिन पश्चिम बंगाल पुलिस स्टे की बात कहकर शाहजहां को गिरफ्तार करने से बचती रही. अब ऐसा बिना राज्य सरकार की मर्जी के तो हुआ नहीं होगा.

शाहजहां पर 42 केस दर्ज थे, लेकिन पिछले 4 वर्षों में उसे एक बार फिर गिरफ्तार नहीं किया गया. ताजा मामले में भी शाहजहां संदेशखाली से सिर्फ 30 किमी दूर छिपा बैठा था. उसने ना विदेश भागने की कोशिश की, ना बंगाल से बाहर जाने की. क्योंकि, उसे गिरफ्तारी का कोई डर नहीं था. कोई अपराधी ऐसा तभी कर सकता है, जब उसे राज्य सरकार पर खुद से ज्यादा भरोसा हो.

शाहजहां की गिरफ्तारी से दो दिन पहले का घटनाक्रम भी चौंकाने वाला है, शाहजहां और उसके करीबियों पर जमीन कब्जाने के आरोप लगे थे. जिन परिवारों की जमीन कब्जाई गई थी, ममता सरकार ने उनमें से 74 परिवारों को दो दिन पहले ही जमीन वापस दिला दी.

ममता सरकार की मेहरबानी देखिये, कि 55 दिन तक शाहजहां पर पार्टी ने कोई एक्शन नहीं लिया. लेकिन जैसे ही गिरफ्तारी हुई, शाहजहां को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया. बाजवदू इसके पेशी पर कोर्ट पहुंचे शाहजहां शेख को देखकर लगा ही कि उसकी अकड़ ढीली पड़ी है.

कोलकाता से सोमित सेनगुप्ता के साथ ब्यूरो रिपोर्ट, ज़ी मीडिया

इस Report को देखने के बाद आपको इतना तो समझ आ गया होगा, कि किस तरह संदेशखाली के खलनायक को बचाने की कोशिशें की गई. लेकिन जब कोलकाता हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई तब बचने के रास्ते बंद होते देख, शाहजहां शेख को बड़ी आसानी से गिरफ्तार करा दिया गया.

शाहजहां शेख की गिरफ्तारी ना होने से संदेशखाली में विरोध बढ़ता जा रहा था, गुस्साए लोग TMC नेताओं को निशाना बना रहे था. शाहजहां शेख की गिरफ्तारी ना होने से नाराज कोलकाता हाईकोर्ट ने बुधवार को ही कहा था, शाहजहां शेख को CBI या ED भी गिरफ्तार कर सकती हैं.
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CBI और ED दोनों केंद्रीय एजेंसी हैं. ऐसे में अगर कोई एक एजेंसी शाहजहां शेख को खोजकर गिरफ्तार करती, तो राज्य सरकार के लिए शाहजहां को बचाना और उसकी मदद करना मुश्किल हो सकता था. इतना ही नहीं शाहजहां शेख का नाम राशन घोटाले से जुड़ा हुआ है.

- शाहजहां शेख उत्तर 24 परगना जिले का राशन डिस्ट्रीब्यूटर है.

-ED को पता चला कि शाहजहां शेख भी राशन वितरण घोटाले में शामिल है, और उसने इससे होने वाली कमाई बांग्लादेश के रास्ते दुबई भेजी है.

- शाहजहां शेख ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी है, जो ममता के खास मंत्री थे.

- ज्योतिप्रिय मल्लिक ही शाहजहां शेख को TMC में लेकर आए थे.

इसबात की आशंका थी कि अगर CBI ने शाहजहां को गिरफ्तार कर पूछताछ की, तो वो सब सच उगल देगा. इससे ममता सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती थी. तो क्या इसीलिए पश्चिम बंगाल पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद तत्परता दिखाते हुए शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया, जिसे पुलिस 55 दिन में गिरफ्तार नहीं कर पाई थी.

शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के लिए संदेशखाली के लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे थे, उन्होंने शाहजहां के करीबियों की प्रोपर्टी पर कई बार हमला भी किया था. लेकिन आज जब शाहजहां गिरफ्तार किया गया, तब संदेशखाली में जश्न मनाया गया.

संदेशखाली के लोगों का जश्न बताता है कि यहां के लोग शाहजहां की दबंगई से किस तरह परेशान थे, और अब उन्हें कितनी बड़ी राहत मिली है. लेकिन अभी शाहजहां को सिर्फ एक मामले में गिरफ्तार किया गया है, जबकि उसपर 42 केस दर्ज है. जिनमें गिरफ्तारी होना अभी बाकी है.

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