Farmers Protest: किसानों के समर्थन में खुलकर क्यों उतरे शरद पवार? शिवसेना को भी है ये दरकार
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Farmers Protest: किसानों के समर्थन में खुलकर क्यों उतरे शरद पवार? शिवसेना को भी है ये दरकार

ऑल इंडिया किसान सभा के नेतृव में मुंबई के आजाद मैदान (Azad Maidan Mumbai) में बड़ी संख्या में किसान इकट्ठे हुए हैं. ये किसान नासिक से पैदल चल कर मुंबई पहुंचे हैं. किसानों की रैली में एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thakrey) और कांग्रेस (Congress) के बड़े नेता भी संबोधित करेंगे.

 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm law 2020) के खिलाफ दिल्ली में चल रहे आंदोलन की तपिश अब अन्य राज्यों तक पहुंचने लगी है. महाराष्ट्र में भी नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लामबंद हो रहे हैं. ऑल इंडिया किसान सभा (All India Kisan Sabha) के नेतृव में हजारों किसान मुंबई पहुंच गए हैं. ये किसान मुंबई के आजाद मैदान (Azad Maidan) में बड़ी रैली करेंगे. महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े चेहरे भी खुलकर किसानों के समर्थन में आ गए हैं. इनमें सबसे बड़ा नाम है एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) का. पवार किसानों की रैली को संबोधित करेंगे. उनके अलावा शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) सहित कांग्रेस के बड़े नेता भी किसानों की इस रैली में शामिल होंगे. 

क्या हैं मायने
दरअसल यह माना जाता है कि महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में किसानों के साथ के बिना मजबूत नहीं हुआ जा सकता. इसका सबसे बड़ा उदाहरण एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar NCP) और बीजेपी (BJP) के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे भी रहे हैं. लेकिन बीते 5-6 वर्षों में शरद पवार की पकड़ किसानों पर कम होती गई. अब किसान आंदोलन के बीच एक बार फिर शरद पवार अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में जुट गए हैं. एनसीपी (NCP), शिवसेना (Shiv Sena) और कांग्रेस (Congress) महाअघाड़ी गठबंधन का हिस्सा हैं इसलिए तीनों दल मिलकर किसानों के समर्थन में आए हैं. तीनों दल किसानों के भरोसे ग्रामीण इलाकों में अपनी सियासी पकड़ मजबूत होने की आस लगा रहे हैं. इसके अलावा मुंबई में प्रस्तावित इस रैली में वामपंथी दलों के नेता भी शामिल होंगे. 

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इसकी दूसरी वजह 2014 में सत्ता में आने के बाद बीजेपी (BJP) की मजबूती भी है. बीजेपी लगातार राज्यों में हिंदू वोटों पर पकड़ मजबूत करती जा रही है. बीजेपी के विस्तार से कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना को नुकसान हुआ. इसके बाद शिवसेना ने भी ग्रामीण क्षेत्र पर पकड़ बनाने के प्रयास किए, इसलिए बीते कुछ वर्षों में शिवसेना ने महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र के कई नेताओं को पार्टी से जोड़ा है. शरद पवार भी लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. अब इस आंदोलन के सहारे ये राजनीतिक दल बदलाव की आस में है. 

राज्यपाल को ज्ञापन
दरअसल, नासिक से हजारों किसान ऑल इंडिया किसान सभा के नेतृत्व में मुंबई के आजाद मैदान आए हैं. कासरा घाट से मुंबई तक किसान पैदल ही पहुंचे हैं. मुंबई में जुटे किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल आज (25 जनवरी) को राजभवन जाकर कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एक ज्ञापन भी सोंपेंगे. किसान गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के मौके पर आजाद मैदान में झंडा फहराएंगे. वहीं 26 जनवरी के दिन दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान ट्रैक्टर रैली निकालने जा रहे हैं. 

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