Sharad Pawar Politics: शरद पवार के बारे में कहा जाता है कि उनकी सियासत को समझना बेहद मुश्किल है, राजनीति की पिच पर उनकी बैटिंग और बोलिंग दोनों में सस्पेंस बना रहता है.
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Sharad Pawar Latest news: महाराष्ट्र की राजनीति में चाचा शरद पवार और भतीजा अजित पवार एक दूसरे के आमने सामने हैं. एनसीपी पर किसका दावा पुख्ता है उसका फैसला निर्वाचन आयोग को करना है. इलेक्शन कमीशन ने जवाब दाखिल करने के लिए शरद पवार गुट को तीन और हफ्तों का समय दे दिया है. इन सबके बीच जब दोनों के बीच तीन बार मुलाकात हुई तो सियासी सरगर्मी बढ़ गई. महाराष्ट्र कांग्रेस के एक कद्दावर नेता ने तो यहां तक कहा कि सीनियर पवार को बीजेपी की तरफ से ऑफर भी है लेकिन सुप्रिया सुले ने सिरे से नकार दिया. अब शरद पवार का कहना है कि अजित पवार उनके फोटो का इस्तेमाल नहीं कर सकते. यही नहीं उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ जाने का सवाल ही नहीं है.
तो जाएंगे अदालत
गुरुवार को शरद पवार बीड में रैली करने वाले हैं. उससे पहले उन्होंने कहा कि अगर अजित पवार उनके फोटो के इस्तेमाल को नहीं रोकेंगे तो वो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. पवार ने साफ कर दिया कि अजित पवार को होर्डिंग्स में उनके फोटो के इस्तेमाल का अधिकार नहीं है. इसके साथ ही मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में सामाजिक समरसता को तहस नहस किया जा रहा है. यही नहीं यह भी कहा कि मोदी सरकार को मणिपुर की चिंता करने की जगह 2024 में दोबारा सत्ता में आना पहली प्राथमिकता है.
'सपना रह जाएगा सपना'
पिछले शनिवार पुणे में दोनों पवार के बीच मुलाकात के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई थी. इस तरह की मुलाकात के बाद महाविकास अघाड़ी के घटक दलों कांग्रेस और शिवसेना उद्धव गुट के सामने असमंजस की स्थिति बनी कि मीटिंग का मकसद क्या है. कांग्रेस ने खुलेआम नाराजगी भी जाहिर की. पवार के इस बयान को सार्वजनिक तौर उनकी स्थिति पर नजरिया स्पष्ट करते हुए देखा जा रहा है.शरद पवार ने पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें लगा कि वो मणिपुर के मुद्दे पर बोलेंगे लेकिन ऐसा लगता है कि उनको देवेंद्र फडणवीस से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है. देवेंद्र फडणवीस ने 2019 के चुनाव से पहले कहा था कि वो दोबारा राज्य के सीएम बनेंगे. फडणवीस दोबारा सत्ता में आए लेकिन नंबर दो की हैसियत पर. मोदी की दोबारा वापसी पर पवार ने कहा कि वो भले ही एक बार फिर सरकार में आने की बात कर रहे हों सच तो यह है कि जनता ने उनकी विदाई का मन बना लिया है.