पवार के शिवसेना को गोल-गोल घुमाये जाने से विधायक नाराज, उद्धव से पूछा कब बनेगी सरकार?
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पवार के शिवसेना को गोल-गोल घुमाये जाने से विधायक नाराज, उद्धव से पूछा कब बनेगी सरकार?

ऐसे में शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी को 1 दिसंबर तक अल्टीमेटम देने का मन बनाया है.

विधायक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से आग्रह कर रहे हैं कि वह कहीं मीटिंग करने न जाएं. बात अंतिम दौर में हो तभी उद्धव मीटिंग करें.(फाइल फोटो)

मुंबई: 24 अक्‍टूबर को महाराष्ट्र (Maharashtra Assembly Elections 2019) चुनाव के नतीजे आये, लेकिन अब तक सरकार का गठन नहीं  हो पाया है. मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना-बीजेपी में बात नहीं बनी. ऐसे में शिवसेना ने कांग्रेस, एनसीपी के रूप में विपरीत विचारधारा के लोगों के साथ सरकार बनाने की पहल की है, लेकिन अब तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. शरद पवार के शिवसेना को गोल-गोल घुमाये जाने से शिवसेना के विधायक नाराज हैं. ऐसे में शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी को 1 दिसंबर तक अल्टीमेटम देने का मन बनाया है. इस बीच शिवसेना प्रवक्‍ता संजय राउत ने भी आज कहा है कि सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है और दिसंबर से पहले अगले 5-6 दिनों में लोकप्रिय और स्‍थायी सरकार का गठन हो जाएगा.

शरद पवार
हालांकि सरकार गठन में देरी को लेकर शिवसेना के अंदर बेचैनी बढ़ रही है. पार्टी के कई विधायक नाराज हैं और उद्धव ठाकरे से पूछ रहे हैं कि सरकार कब बनेगी? दरअसल विधायक पार्टी से पूछ रहे हैं कि जब कांग्रेस-एनसीपी शिवसेना की गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है तो शरद पवार ऐसा क्‍यों कह रहे हैं कि गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं है? पवार क्‍यों  खुलकर नहीं बोल रहे हैं? क्या पवार कोई गेम तो नहीं खेल रहे हैं? कांग्रेस-एनसीपी, शिवसेना को समर्थन देने में क्यों समय लगा रही हैं जबकि कामन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर बात अंतिम दौर में है. गठबंधन को लेकर इतना कंफ्यूजन क्‍यों है?

इन सवालों के साथ विधायक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से आग्रह कर रहे हैं कि वह कहीं मीटिंग करने न जाएं. बात अंतिम दौर में हो तभी उद्धव मीटिंग करें.

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शिवसेना में दो-फाड़
इससे पहले शिवसेना विधायकों के दो गुट में झगड़ा हुआ था. यह झगड़ा होटल रिट्रीट में हुआ था जहां विधायक कुछ दिनों पहले ठहरे हुए थे. विधायकों का एक गुट कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन का पक्षधर था तो वहीं दूसरा गुट इसका विरोध कर रहा था. विरोध करने वाले गुट का कहना था कि जिस कांग्रेस-एनसीपी का विरोध कर वे चुनकर आये, ऐसे में जनता को वे क्या जवाब दें?

शुक्रवार को होगी शिवसेना विधायकों की बैठक
दरअसल उद्धव ये जान गए हैं कि उनके विधायक असंतुष्ट हैं. ऐसे में उद्धव ने पार्टी के आला नेताओं से बात कर कांग्रेस-एनसीपी को 1 दिसंबर तक का अल्टीमेटम देने का मन बनाया है. 1 दिसंबर तक बात नहीं बनी तो उद्धव कुछ अलग फैसला ले सकते हैं. इसके साथ ही विधायकों को उनके सभी सवालों का जबाव देने के लिए उद्धव ने आगामी शुक्रवार को बुलाया है. अपने विधायकों को उद्धव ने आधार कार्ड और पहचानपत्र के साथ बुलाया है. अब यहां से बड़ा सवाल उठता है कि क्‍या कांग्रेस और एनसीपी से बात नहीं बनी तो क्या शिवसेना फिर से थामेगी बीजेपी का दामन? शिवसेना का प्लान-B क्‍या होगा, महाराष्‍ट्र की सियासत का ये सबसे बड़ा सवाल है?

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