India-Canada Khalistan Row: निज्जर पर पिछले साल सरे में 1985 के एयर इंडिया आतंकवादी बम विस्फोट मामले में बरी किए गए रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या का आरोप था. ऐसा माना जाता है कि मलिक की हत्या खालिस्तानी समूहों के बीच इंटरनल गैंगवॉर के कारण हुई थी. वह आशंका जता रहा था कि उसके खालिस्तानी प्रतिद्वंद्वी उसकी हत्या कर सकते हैं.
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How Khalistan Network Operates: खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा के पंजाबी बहुल सरे शहर में दो अज्ञात हमलावरों ने गुरु नानक सिख गुरुद्वारा परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी थी. भारत सरकार ने इसे 'वॉन्टेड आतंकवादी' घोषित किया था. वह भारत से बाहर मौजूद कई खालिस्तानी आतंकियों में से एक था.
एक अधिकारी के मुताबिक, निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था. कई खालिस्तान समर्थक नेता पाकिस्तान के अलावा कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, जहां एक बड़ा सिख प्रवासी समुदाय रहता है.
NIA की रडार पर कई खालिस्तानी संगठन
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के रडार पर प्रमुख प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) है, जिसकी स्थापना गुरपतवंत सिंह पन्नून ने की थी, जो अब कनाडा से काम कर रहा है. वहीं, लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा, और हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा, दोनों आईएसआई समर्थित गुर्गे हैं जो भारत में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) की आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं.
एनआईए के अनुसार, पाकिस्तान स्थित रिंदा और लिंडा दोनों पंजाब में आतंक का माहौल बनाने के लिए टारगेट मर्डर्स के साथ-साथ लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों को निशाना बनाने से जुड़े मामलों में वॉन्टेड हैं. रिंदा एक लिस्टेड आतंकवादी होने के साथ बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का सदस्य है. वह मूल रूप से महाराष्ट्र के नांदेड़ का निवासी है, जिसका स्थायी पता पंजाब का तरण तारन जिला है. लिंडा भी तरनतारन का रहने वाला है.
एनआईए की जांच से पता चला है कि वे पैसे के दम पर बीकेआई के लिए नए सदस्यों की भर्ती में लगे हुए हैं. उन्होंने भारत में अपनी आतंकी मंसूबों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न देशों में अपने गुर्गों का एक नेटवर्क भी बनाया है. एक नए वीडियो में पन्नून को खुले तौर पर कनाडा के हिंदुओं को भारत वापस जाने के लिए कहते हुए दिखाया गया है.
पूर्व अधिकारी ने की थी ट्रूडो की निंदा
पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने निज्जर की हत्या के साथ भारत का संबंध होने का आरोप लगाने के लिए कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की निंदा की और दावा किया कि खालिस्तानी आतंकी सिर्फ एक प्लंबर नहीं था और उसके हाथ खून से सने हुए थे.
निज्जर की हाई-प्रोफाइल हत्या से भारत और कनाडा के बीच एक बड़ा राजनयिक विवाद पैदा हो गया है. निज्जर की हत्या ब्रिटेन स्थित एक अन्य संगठन के प्रमुख अवतार सिंह खांडा की एक अस्पताल में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो जाने के कुछ दिनों बाद हुई. खांडा के बारे में माना जाता है कि उसने खालिस्तानी अलगाववादी और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह को ट्रेंड किया था, जो अब दीप सिद्धू की मौत के बाद जेल में बंद है.
निज्जर और खंडा, दोनों पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के नाम पर आतंकवाद के लिए पैसा जमा करने का आरोप लगाया गया था, जो सिख युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में शामिल थे. वह जगतार सिंह तारा और परमजीत सिंह पम्मा जैसे अन्य केएलएफ नेताओं के करीबी थे.
खांडा के पिता एक केएलएफ आतंकवादी थे, जिन्हें 1991 में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था और उसकी मां का पाकिस्तान से संबंध रखने वाले एक अन्य केएलएफ आतंकवादी गुरजंत सिंह बुधसिंगवाला से संबंध था.
पंजवार की हुई थी हत्या
मई में, भारत में वॉन्टेड आतंकवादी और खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के चीफ 63 वर्षीय परमजीत सिंह पंजवार की पाकिस्तान के लाहौर में उसके आवास के पास अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. पंजवार अपने गार्ड के साथ एक पार्क में था जब दो हमलावरों ने उस पर गोलियां चला दीं और मोटरसाइकिल पर भाग गए. पंजवार और निज्जर दोनों को जुलाई 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत भारत ने आतंकवादी घोषित किया था.
निज्जर पर पिछले साल सरे में 1985 के एयर इंडिया आतंकवादी बम विस्फोट मामले में बरी किए गए रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या का आरोप था. ऐसा माना जाता है कि मलिक की हत्या खालिस्तानी समूहों के बीच इंटरनल गैंगवॉर के कारण हुई थी. वह आशंका जता रहा था कि उसके खालिस्तानी प्रतिद्वंद्वी उसकी हत्या कर सकते हैं.
पंजाब पुलिस ने की थी प्रत्यर्पण की मांग
भारत ने कई मौकों पर कनाडाई अधिकारियों से पंजाब में आतंकवादी कृत्यों में कथित संलिप्तता के लिए निज्जर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था. पिछले साल पंजाब पुलिस ने निज्जर के प्रत्यर्पण की मांग की थी. वह राज्य में आतंकवादी गतिविधियों को लेकर वॉन्टेड था.
पुलिस 23 जनवरी 2015 को जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) और 14 मार्च 2016 को जारी रेड कॉर्नर नोटिस से उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रही थी. एनआईए ने कहा कि निज्जर भारत में आतंक फैलाने के लिए खालिस्तान समर्थक आतंकवादी मॉड्यूल की भर्ती, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और संचालन में सक्रिय रूप से शामिल था.
निज्जर पर था 10 लाख का इनाम
वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भड़काऊ और नफरत भरे भाषण देने में शामिल था. सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के साथ करीबी संबंध रखने वाले निज्जर पर 10 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित किया गया था. अलगाववाद के आधार पर 2019 से एसएफजे भारत में प्रतिबंधित संगठन होने और पन्नू को आतंकवादी घोषित किए जाने के बावजूद, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों ने संगठन को भारत विरोधी गतिविधियों का संचालन करने की अनुमति दी है, जिनमें पंजाब को अलग करने के लिए अवैध जनमत संग्रह कराना शामिल है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी देश पन्नुन और अन्य कट्टरपंथियों पर मुकदमा चलाने को अपराध के रूप में नहीं देखते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा.
(इनपुट-एजेंसियां)