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नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में प्रदूषण (Pollution) से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं. दरअसल प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार लगी उसके बाद ही दिल्ली सरकार ने अगले 1 हफ्ते लिए स्कूलों को बंद कर दिया और साथ ही सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली में दम घुटता है. दिल्ली की हवा में जहर है. जी हां दिल्ली में रहना है तो घर से नहीं निकलना होगा. सुनने में ये अजीब है लेकिन सच है. प्रदूषण की वजह से दिल्ली में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट को कड़े निर्देश देने पड़े. दिल्ली सरकार को आनन-फानन में इमरजेंसी बैठक बुलानी पड़ी और कई बड़े फैसले करने पड़े. दरअसल दिल्ली में जहरीली हवा पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि घरों में लोग मास्क लगाकर घूम रहे हैं. दिल्ली में लॉकडाउन की जरूरत के साथ ही कोर्ट ने स्कूल खोलने पर भी नाराजगी जाहिर की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे बच्चों पर गंभीर नतीजे हो सकते हैं. उनके फेफड़े खराब हो सकते हैं.
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प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के सवाल को टालने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आनन-फानन में बैठक बुलाई. इस बैठक में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और दिल्ली के मुख्य सचिव भी शामिल थे. इस बैठक में कई अहम फैसले किए गए. जिसके मुताबिक, दिल्ली में सोमवार से स्कूल बंद होंगे. स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस जारी रहेंगी. 14-17 नवंबर के बीच कंस्ट्रक्शन साइट्स बंद रहेंगी. कुछ दिनों तक सभी सरकारी ऑफिस बंद रहेंगे. सरकारी ऑफिस के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे. प्राइवेट ऑफिस के लिए भी एडवाइजरी जारी होगी. वर्क फ्रॉम होम लागू करने की एडवाइजरी जारी की जाएगी. साथ ही लॉकडाउन लागू करने पर विचार किया जाएगा.
दरअसल दिल्ली में दिवाली के बाद से वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा था. साथ ही पराली जलाने की वजह से हालात और बिगड़ गए. दिल्ली में एक्यूआई लगभग 500 के आसपास तक पहुंच गया है. डॉक्टर्स भी लगातार बढ़ते प्रदूषण को चेतावनी दे रहे हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक, ज्यादा प्रदूषण होने से हार्ट अटैक की भी संभावना बढ़ जाती है.
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इस पूरे मामले पर राजनीति भी खूब हो रही है. वहीं दिल्ली सरकार के फैसले पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है. दिल्ली में पहली बार ऐसा नहीं हुआ है कि प्रदूषण ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. हर साल दिल्ली में प्रदूषण की इमरजेंसी होती है. कुछ समय के लिए फैसले लिए जाते हैं और फिर हालात जस के तस हो जाते हैं. दिल्ली में प्रदूषण को पूरी तरह से रोकने के लिए अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला गया है और इसीलिए हर साल दिल्ली गैस चेंबर बनता रहता है.
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