अयोध्या केस: सुप्रीम कोर्ट में 17वें दिन की सुनवाई आज, अब सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से होगी बहस
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अयोध्या केस: सुप्रीम कोर्ट में 17वें दिन की सुनवाई आज, अब सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से होगी बहस

पिछली सुनवाई में शिया वक्फ बोर्ड ने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक तिहाई हिस्सा मुस्लिम को दिया था, न कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में 17वें दिन की सुनवाई सोमवार को होगी. सोमवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से बहस शुरू होगी. पिछली सुनवाई में शिया वक्फ बोर्ड ने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक तिहाई हिस्सा मुस्लिम को दिया था, न कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को. हमारा वहां दावा बनता है और हम उसे हिंदुओं को देना चाहते हैं. ये ओरिजिनली हमारा है और वह हिस्सा हम हिंदुओं को देना चाहते हैं. इससे पहले रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की ओर से वरिष्ठ वकील पीएन मिश्रा ने अपनी बहस में नमाज पढ़ने के तरीक़ों के बारे में बताया था. वकील पीएन मिश्रा ने हदीस का हवाला देते हुए कहा था कि इसमें लिखा है कि पैगम्बर मोहम्मद ने कहा है कि घंटी बजाकर नमाज नही पढ़ी जा सकती क्योंकि यह शैतान का इंस्‍ट्रूमेंट है. घंटी बजाने से फरिश्ते उस घर या जगह पर नहीं आते हैं. इसी तरह बिना घंटी बजाए मंदिर में पूजा नहीं की जा सकती है.

पीएन मिश्रा ने बताया था कि इब्न-ए-बतूता ने अपनी भारत यात्रा पर कहा कि वह यह देख कर हैरान रह गया कि सभी मस्जिदों में घंटी बजाई जा रही थी, घंटी बजा कर पूजा की जा रही थी. उन्‍होंने हदीस के सहीह अल बुखारी का हवाला देते हुए कहा था कि पैगम्बर मोहम्मद ने कहा है कि हिन्दू और मुस्लिमों के दो अलग-अलग कबीले एक साथ एक ही जमीन पर नहीं रह सकते.जस्टिस एस ए बोबडे ने पूछा था कि क्या विवादित स्थल से कोई घंटी मिली थी? पीएन मिश्रा ने कहा था कि हां वहां से घंटी मिलने के सबूत है और मौखिक सबूत भी हैं. पीएन मिश्रा ने कहा था कि पैगंबर मोहम्मद ने कहा था कि कब्र की तरफ चेहरा करके नमाज नहीं पढ़ी जा सकती, लेकिन बाबरी के आस पास कई कब्र थी. शाहजहां से एक इस्लामिक स्‍कॉलर अब्दुल हकीम ने कहा था कि मस्जिद अगर मंदिर को गिराकर बनाई जाती है तो वह मस्जिद नहीं होती है.

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जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि मस्जिद कैसी होनी चाहिए, मस्जिद में नमाज पढ़ने का क्या तरीका है? आप अपनी जिरह के अहम बिंदुओं को हमको बताइए. पीएन मिश्रा ने कोर्ट से कहा था कि वक्‍फ ज़मीन का मालिक होना चहिए. वक्‍फ के द्वारा ही ज़मीन को दान किया जाता है. मस्जिद में कम से कम 2 समय नमाज पढ़ी जाए. वहां पर वज़ू का इंतजाम होना चाहिए.  मस्जिद में किसी भी जानवर, जीवित की तस्वीर या पेंटिंग न हो. मस्जिद में घंटी नहीं होनी चहिये. एक प्लाट में मस्जिद और मंदिर नहीं होनी चाहिए. मस्जिद में निवास नहीं होना चाहिए. मस्जिद में रसोई नहीं होना चाहिए. मस्जिद किसी दूसरे की ज़मीन पर नहीं बनाई जा सकती. मस्जिद के आस-पास कब्र नहीं होना चाहिए. मस्जिद दूसरे धर्मों के लोगो के संरक्षण में नहीं होनी चाहिए.

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