जमीन की खुदाई में तोप मिलने की बात पता चलते ही आर्मी अधिकारी, पुलिस अधिकीरियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी देखेने पहुंचे थे. आम लोग भी इन तोप को देखने पहुंचे.
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नागपुर: शहर के ऐतिहासिक कस्तुरचंद पार्क मैदान की खुदाई के दौरान चार बडी तोप मिली है. यह तोप 1817 के दौरान अंग्रेज-मराठा युद्ध के समय के होने का प्राथमिक संभावनाए जताई जा रही है. नागपुर के मध्य भाग में बसे कस्तुरचंद पार्क में सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है. तभी की गई खुदाई में यह तोप मिली है. बुधवार की रात यह तोप जमीन से चार फिट अंदर मिली. चार तोपें 10 फिट लंबाई की हैं, जिनकी चौड़ाई 2-2 फिट की है. जानकारों के अनुसार यह तोप अंग्रेज सेना की हो सकती है.
नागपुर के राजे भोसले घराणे के सीताबर्डी किला है. 1817 से 1818 में राजे रघुजी भोसले और अंग्रेज के बीच हुए युद्ध में यही किला केंद्र में था. उसी किले के नीचे कस्तूरचंद पार्क है. वह अंग्रेजों के जमाने में सैनिकों की कवायद के लिए इस्तेमाल होता था. यह तोपें अंग्रेजों के जमाने की हो सकती है, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. जमीन की खुदाई में तोप मिलने की बात पता चलते ही आर्मी अधिकारी, पुलिस अधिकीरियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी देखेने पहुंचे थे. आम लोग भी इन तोप को देखने पहुंचे.
नागपुर के भोसले राजघराने के वंशज मधोजीराजे भोसले बताते हैं कि 1817 के दौरान अंग्रेजों से भोसले राजा के युद्ध के दौरान तोप का गोला हमारे पैलेस के पास आकर गिरा था. हमारे रिकोर्ड के अनुसार उस समय ऐसी 20 से 22 लंबी मारक क्षमता वाली वह तोप थी. इनको मुझियम में रखा जाना चाहिए.
वहीं इस कस्तूरचंद पार्क के निर्माण में लगे आर्किटेक्ट अशोक मोखा बताते हैं कि कस्तूरचंद पार्क में डेवलपमेंट कार्य जारी है. हेरिटेज कमिटी ने हमें इस निर्माण की इजाजत दी है. यह निर्माण कार्य नागपूर नगर निगम कर रही है. खुदाई के वक्त हमे यहां 4 तोप मिली है. 10 फिट के दो और साड़े नौ फिट के दो ऐसे चार तोपे हैं. पुरातत्व विभाग को सूचित कर दिया है. हमने कलेक्टर को भी सूचित किया है. ब्रिटिशों के जमाने के हो सकते हैं.