प्रकाश आंबेडकर का कहना है कि उनकी पार्टी का गठबंधन AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के साथ है, नाकि महाराष्ट्र के नेताओं के साथ.
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मुंबई: महाराष्ट्र में एआईएमआईएम (AIMIM) और वंचित बहुंजन आघाडी का गठबंधन में डांवाडोल स्थिति में नजर आ रहा है. एआईएमआईएम के महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष और सांसद इम्तियाज जलील ने बयान जारी करते हुए प्रकाश आंबेडकर के वंचित बहुजन अगाड़ी के साथ गठबंधन तोड़ने की बात कही है. कारण बताया गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) की पार्टी AIMIM को सिर्फ आठ सीटें दे रही है.
वहीं, प्रकाश आंबेडकर का कहना है कि उनकी पार्टी का गठबंधन AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी () के साथ है, नाकि महाराष्ट्र के नेताओं के साथ. इस मामले पर AIMIM के सांसद का कहना है कि गठबंधन तोड़ने का फैसला ओवैसी से पूछकर घोषित किया गया है. लेकिन, आंबेडकर चाहें तो चर्चा से मसले का हल अब भी निकाला जा सकता है.
प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर AIMIM सांसद इम्तियाज जलील के बयान पर कहा कि AIMIM से वंचित बहुजन अगाड़ी का गठबंधन असदुद्दीन ओवैसी से बना है. वह जब तक अपनी बात नहीं रखते, तब तक महाराष्ट्र के AIMIM के नेता क्या सोचते हैं, इससे हमें कुछ फर्क नही पड़ता.
दरअसल, यह मामला सीट शेयरिंग का है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Elections 2019) में AIMIM ने 288 में से 100 सीटें मांगी थीं. इसके बाद AIMIM पहले 75 और बाद में 50 सीटों के लिए राजी हो गई. सीट शेयरिंग की यह सारी डील करने का अधिकार सांसद इम्तियाज जलील के पास था. लेकिन हर बार जो प्रस्ताव जलील ने दिया, उसे प्रकाश आंबेडकर ने ठुकरा दिया. आखिरकार 8 सीटें देने पर आंबेडकर राजी हो गये. जलील को यह मंजूर नही हुआ और उन्होने गठबंधन तोड़ने की बात कह दी.
आंबेडकर के गुस्सैल तेवर का जलील ने भी अपने तरीके से जबाब दिया. जलील ने कहा कि प्रकाश आंबेडकर चाहें, तो फिर से बातचीत हो सकती है. हमें कितनी विधानसभा सीटें चाहिए, यह आंबेडकर को पता है. मैं अपनी पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष हूं, मैंने ओवैसी से बातचीत करने के बाद ही गठबंधन से बाहर निकलने की घोषणा की है. ओवैसी जितनी जगह पर बोलेंगे, उतने पर ही आंबेडकर की पार्टी के साथ रहकर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन 8 सीटें हमे मंजूर नही हैं, यह हमने साफ कर दिया है.
इस पूरे मामले पर अब तक असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने नहीं आया है. लोकसभा चुनाव के दौरान AIMIM-वंचित बहुंजन अगाड़ी ने मिलकर महाराष्ट्र के विपक्ष के बड़े नेताओं को हराया था. खुद जलील औरंगाबाद से बड़े मार्जिन से जीते थे. महाराष्ट्र के दो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और सुशीलकुमार शिंदे की हार का सबब AIMIM ही था. आंबेडकर और जलिल की बात मानें, तो अब AIMIM-वंचित बहुजन अगाड़ी के गठबंधन का बॉल अब ओवैसी के कोर्ट मे चला गया है. जिसका फैसला जल्द ही आने की संभावना जताई जा रही है.