बिहार में जीत हासिल होते ही अमित शाह और जे पी नड्डा ने बंगाल फतह के लिए बनाया ये 'गेमप्‍लान'
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बिहार में जीत हासिल होते ही अमित शाह और जे पी नड्डा ने बंगाल फतह के लिए बनाया ये 'गेमप्‍लान'

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार में जीत हासिल करने के बाद अब पश्चिम बंगाल पर फोकस कर रही है.

बिहार में जीत हासिल होते ही अमित शाह और जे पी नड्डा ने बंगाल फतह के लिए बनाया ये 'गेमप्‍लान'

कोलकाताः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार में जीत हासिल करने के बाद अब पश्चिम बंगाल पर फोकस कर रही है और इसी सिलसिले में प्रदेश भाजपा ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा विधानसभा चुनाव तक हर महीने राज्य में आयेंगे. अगले साल अप्रैल-मई में 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए चुनाव होने वाले हैं.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बताया कि ये दोनों वरिष्ठ भाजपा नेता चुनाव से पहले पार्टी संगठन का जायजा लेने के लिए हर महीने पश्चिम बंगाल की अलग अलग यात्रा करेंगे. घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ अमित शाह और जे पी नड्डा विधान सभा चुनाव के पूरा हो जाने तक हर महीने राज्य की अलग अलग यात्रा करेंगे. तारीखें अभी तय नहीं की गई हैं. उनकी नियमित यात्राओं से पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार होगा. ’’ 

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बीजेपी की रणनीति
पार्टी सूत्रों ने बताया कि ऐसी संभावना है कि शाह हर महीने दो दिन के लिए और नड्डा तीन दिनों के लिए पश्चिम बंगाल आयेंगे. शानदार प्रदर्शन के बाद राजग के बिहार में सत्तासीन होने के बाद भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि मिशन बंगाल उसके लक्ष्यों में शीर्ष पर है. बिहार में चुनाव प्रचार नहीं कर पाये शाह ने बंगाल चुनाव में भाजपा की तैयारी का जायजा लेने के लिए पांच नवंबर को दो दिन के लिए राज्य की यात्रा की थी.

वैसे भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा भी शाह के साथ बंगाल जाने वाले थे लेकिन एक रात पहले ही उनकी यात्रा रद्द हो गई. अपनी यात्रा के दौरान शाह ने भाजपा कार्यकर्ता मदन गोराई के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. पिछले महीने पूरबा मेदिनीपुर के पताशपुर में न्यायिक हिरासत में गोराई की कथित रूप से हत्या कर दी गई थी. शाह ने कथित अल्पसंख्यक तुष्टिकरण और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा.

पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने राज्य में राजनीतिक हत्याओं पर श्वेतपत्र की भी मांग की. कांग्रेस-माकपा गठबंधन पर प्रहार करते हुए घोष ने कहा कि दोनों ही दलों को बहुत पहले ही राज्य के लोग खारिज कर चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल के लोगों ने कांग्रेस, माकपा और तृणमूल कांग्रेस को मौका दिया है. तीनों ही दल जनसमूह की आकांक्षाओं पर खरे नहीं उतरे, अब उन आकांक्षाओं को भाजपा ही पूरा करेगी. पार्टी सूत्रों के अनुसार चुनाव पर नजर टिकाए हुई भाजपा ने राज्य को पांच संगठनात्मक क्षेत्रों में बांट दिया और केंद्रीय नेताओं को उनका प्रभारी बना दिया.

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भाजपा के वरिष्ठ नेताओं सुनील देवधर, विनोद तावड़े, दुष्यंत गौतम, हरीश द्विवेदी एवं विनोद सोनकर को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उत्तर बंगाल, रढ़ बंगा(दक्षिण पश्चिम जिलों), नबाद्वीप, मिदनापुर, एवं कोलकाता संगठनात्मक क्षेत्रों का प्रभारी नियुक्त किया है. कोलकाता क्षेत्र के प्रभारी भाजपा महासचिव गौतम ने यहां पहुंचने के बाद विश्वास प्रकट किया कि भगवा पार्टी विधान सभा चुनाव के बाद सत्ता में आएगी.

लोक सभा चुनाव में 42 में से 18 सीट बीजेपी ने जीती थीं
पश्चिम बंगाल में सीमित उपस्थिति के बावजूद पिछले साल लोक सभा चुनाव में 42 में से 18 सीट जीत कर भाजपा, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी थी. राज्य में पिछले कुछ सालों से भाजपा की ताकत बढ़ने के बीच पार्टी नेताओं ने विश्वास प्रकट किया कि भाजपा 2021 विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दस साल के कार्यकाल पर पूर्ण विराम लगाने में कामयाब होगी.

 

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