धरने के बाद बिगड़ी अरविंद केजरीवाल की तबीयत, इलाज के लिए जा सकते हैं बेंगलुरु
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धरने के बाद बिगड़ी अरविंद केजरीवाल की तबीयत, इलाज के लिए जा सकते हैं बेंगलुरु

मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक उपराज्यपाल के कार्यालय पर नौ दिन के धरने के बाद केजरीवाल की तबीयत ठीक नहीं रह रही है.

अधिकारियों ने बताया, ‘शुगर के स्तर पर नियंत्रण के लिए अरविंद केजरीवाल के दस दिन के लिए गुरुवार को बेंगलुरु रवाना होने की संभावना है.’ (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दस दिन की प्राकृतिक चिकित्सा के लिए कल बेंगलुरु रवाना हो सकते हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक उपराज्यपाल के कार्यालय पर नौ दिन के धरने के बाद केजरीवाल की तबीयत ठीक नहीं रह रही है. प्रदर्शन के दौरान उनके शुगर का स्तर बढ़ गया था और उन पर इंसुलिन लेने का भी कोई असर नहीं हो रहा है. 

अधिकारियों ने बताया, ‘शुगर के स्तर पर नियंत्रण के लिए अरविंद केजरीवाल के दस दिन के लिए गुरुवार को बेंगलुरु रवाना होने की संभावना है.’ उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री खांसी की समस्या के लिए पहले भी बेंगलुरु में प्राकृतिक चिकित्सा उपचार करा चुके हैं. 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जानकारी दी कि शुगर लेवल के कारण केजरीवाल को दिक्कत हो रही है. हालांकि केजरीवाल के बेंगलुरु जाने से आईएएस अधिकारियों के साथ उनकी बैठकों में विलंब हो सकता है. 

मंगलवार को खत्म किया केजरीवाल ने धरना
बता दें सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंत्रियों के साथ आईएएस अधिकारियों के बैठकों में शामिल होने के बाद उपराज्यपाल कार्यालय में मंगलवार को अपना नौ दिन का धरना खत्म कर दिया था. उपराज्यपाल कार्यालय से बाहर आने पर आप समर्थकों ने केजरीवाल का स्वागत किया और बाद में उनके आवास पर उनका स्वागत किया गया जहां उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. 

केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था, ‘अगर उपराज्यपाल ने आईएएस अधिकारियों की हड़ताल को बढ़ावा दिया तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह छोटी सी जीत है। 99 फीसदी आईएएस अधिकारी बहुत अच्छे हैं। हमने बिजली और जल के क्षेत्र में बहुत कुछ किया है और हम यह अकेले नहीं कर सकते थे। ’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन कुछ अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से हमें बताया कि उन पर आप सरकार के साथ काम नहीं करने के लिए दबाव डाला जा रहा था। हम आईएएस अधिकारियों की हड़ताल को लेकर पिछले चार महीने से चुप थे लेकिन हम इस मुद्दे को हल करना चाहते थे इसलिए हमें लगा कि यह मामला जनता के सामने लाया जाना चाहिए। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई जारी रहेगी।’ 

बता दें केजरीवाल , सिसोदिया , स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और श्रम मंत्री गोपाल राय ने अपनी मांगों को लेकर 11 जून को उपराज्यपाल कार्यालय में धरना शुरू किया था. इन मांगों में आईएएस अधिकारियों को उनकी ‘‘ हड़ताल ’’ खत्म करने के निर्देश देना और राशन की डोरस्टेप डिलीवर को मंजूरी देना शामिल है. 

(इनपुट - भाषा)

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