लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले सांसद राम प्रसाद सरमाह के इस्तीफे को असम में बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
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गुवाहाटी: असम में तेजपुर के सांसद राम प्रसाद सरमाह ने शनिवार को लोकसभा चुनाव से पहले 'पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार' का जिक्र करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने फेसबुक पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पुराने नेताओं के साथ दुर्व्यवहार पर नाखुशी जताई.
सरमाह ने लिखा, 'मैंने आज बीजेपी छोड़ दी. लेकिन सच में मेरे दिल में उन बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए पीड़ा है, जिन्हें पार्टी के नए घुसपैठियों ने नजरअंदाज किया. मैंने उनकी तरफ से मजबूती से अपनी आवाज उठाई, लेकिन अब उनके लिए आवाज उठाने वाला कोई नहीं होगा.'
पेशे से वकील, सरमाह लंबे समय से बीजेपी से जुड़े हुए थे. वह आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के भी सदस्य रहे थे.
पिछले दो सालों में कई विवादों में आया नाम
सरमाह का हालांकि गत दो वर्षो से कई विवादों में भी नाम आया. असम में बीजेपी नीत सरकार के 'खराब प्रदर्शन' की सरमाह ने आलोचना की, जिसके बाद उनका नाम नौकरी घोटाले में सामने आया, जिसमें करोड़ों रुपये लेने के आरोप हैं. इसमें उनकी एक बेटी को भी संलिप्त पाया गया.
पार्टी सूत्रों ने कहा कि सरमाह को इस बार टिकट मिलने की संभावना नहीं थी, क्योंकि बीजेपी उनके क्षेत्र से राज्य के वित्तमंत्री हेमंत बिस्व सरमा को टिकट देने की योजना बना रही है.