जयपुर: खाद्य सुरक्षा के लाभान्वित नहीं पहुंच रहे राशन दुकान, जानिए पूरा मामला
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जयपुर: खाद्य सुरक्षा के लाभान्वित नहीं पहुंच रहे राशन दुकान, जानिए पूरा मामला

 प्रदेश में 32 लाख ऐसे उपभोक्ता है जिनका इस सूची में नाम तो जुड़ा है, लेकिन अनाज लेने के लिए राशन की दुकान तक पहुंच ही नहीं रहे हैं.

खाद्य सुरक्षा सूची में करीब 4.83 करोड़ लोग शामिल हैं. (फाइल फोटो)

जयपुर: राजस्थान(Rajasthan) में खाद्य सुरक्षा योजना(Food Security Scheme) के तहत शहरी क्षेत्रों(Urban Areas) में सस्ता अनाज लेने के लिए लोगों को सरकारी दफ्तर(Government Schemes) के चक्कर काटने पड़ते हैं. दफ्तर के बाबुओं की खुशामद करनी पड़ती है. उसके बावजूद सूची में नाम शामिल नहीं किया जाता है. लेकिन दूसरी हकीकत यह भी हैं कि प्रदेश में 32 लाख ऐसे उपभोक्ता है जिनका इस सूची में नाम तो जुड़ा है, लेकिन अनाज लेने के लिए राशन की दुकान तक पहुंच ही नहीं रहे हैं. 

खाद्य विभाग ने ऐसे उपभोक्ताओं को एबयेन्स सूची में डालकर जांच शुरू कर दी है. यानि सस्ता अनाज नहीं लेने वाले करीब 32 लाख उपभोक्ताओं के नामों पर 'कैची' चलाने की तैयारी की जा रही है.

ऐसे परिवारों को किया गया चिह्नित
खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़े उन परिवारों को चिह्नित किया गया जो लंबे समय से योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं. 

तैयार की गई है सूची
इस आधार पर राज्यभर में जिलावार ऑनलाइन डाटाबेस के आधार पर सूचियां तैयार की गई. अब यही सूची अपात्र लोगों के नाम योजना से हटाने का आधार बनेगी. 

जानिए राशन नहीं लेने वालों की संख्या
आपको बता दें कि खाद्य सुरक्षा सूची में प्रदेश में करीब 4.83 करोड़ लोग शामिल हैं. दो तीन महीने तक लगातार राशन नहीं लेने वाले ही करीब 40 लाख लोग हैं. 

मात्र इतनी फीसदी बंट पाता है राशन
वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो एक महीने राशन लेने नहीं आते और दूसरे महीने ले लेते हैं. प्रदेश में हर महीने औसतन 70 से 80 फीसदी ही राशन बंट पा रहा है. 

राज्य सरकार ने दिए निर्देश
राज्य सरकार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि योजना पर कार्रवाई बेहद सर्तकता से की जाए, ताकि योजना में कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित ना रह जाए.

अपात्रों को सूची से हटाया जाएगा
अबेयन्स सूची को तैयार करने का उद्देश्य योजना में खाद्य सुरक्षा योजना को पूरी तरह से त्रुटिरहित और पारदर्शी रखना है. इसमें परिवार के मुखिया की मृत्यु होने, नौकरी लगने, परिवार का दोहरा राशनकार्ड होने, परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाने जैसे कई वजहों को शुमार किया गया है. सर्वे की प्रक्रिया पूरी होते ही अपात्रों को सूची से हटा दिया जाएगा.

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