रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से 25 और 27 मई को सफलतापूर्वक आकाश-एमके-1एस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.”
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नई दिल्लीः भारत ने सोमवार को ओडिशा के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से आकाश-एमके-1ए प्रक्षेपास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. सतह से हवा में मार करने वाले इस विमानरोधी प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक है और यह अपने साथ 60 किलो तक आयुध ले जाने में सक्षम है. इस प्रक्षेपास्त्र का 25 और 27 मई को परीक्षण किया गया.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से 25 और 27 मई को सफलतापूर्वक आकाश-एमके-1एस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.”
#WATCH DRDO yesterday successfully test fired the Akash-1S surface to air defence missile system in Balasore off the Odisha coast. It is a new version of the missile fitted with an indigenous seeker. It was the second successful test of the missile. pic.twitter.com/XuaHTTC46F
— ANI (@ANI) May 28, 2019
DRDO ने सुखोई लड़ाकू विमान से गाइडेड बम छोड़ने का सफल परीक्षण किया
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शुक्रवार को राजस्थान के पोकरण में एक सुखोई लड़ाकू विमान से 500 किलोग्राम श्रेणी के एक गाइडेड बम छोड़ने का सफल परीक्षण किया. यह बम देश में ही विकसित किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि गाइडेड बम ने सफलतापूर्वक रेंज हासिल करते हुए लक्ष्य पर काफी सटीक निशाना लगाया.
मंत्रालय ने कहा, ‘‘डीआरडीओ ने राजस्थान के पोकरण परीक्षण रेंज से एसयू-30 एमकेआई विमान से आज 500 किलोग्राम श्रेणी के एक इंनर्शियल गाइडेड बम का सफल उड़ान परीक्षण किया.’’ बयान के मुताबिक, बम छोड़े जाने के परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हो गए. यह प्रणाली विभिन्न युद्धक हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
गाइडेड बम का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब दो दिन पहले ही भारतीय वायुसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में एक सुखोई विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया.