वर्दी छोड़ खादी पहनने की राह पर एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट, जिसके नाम से थर्राते हैं अपराधी
Advertisement
trendingNow1564947

वर्दी छोड़ खादी पहनने की राह पर एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट, जिसके नाम से थर्राते हैं अपराधी

प्रदीप शर्मा 1983 में पुलिस में भर्ती हुए थे. उन्होंने करीब 111 एनकाउंटर कर अपराधियों और दहशतगर्दों को ठिकाने लगाया. उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर उनसे प्रेरित फिल्म भी बन चुकी है. लश्कर ए तैयबा के तीन दहशतगर्दों को ठिकाने लगाने के बाद उनका नाम टाइम मैग्जीन में भी आया था. 

वर्दी छोड़ खादी पहनने की राह पर एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट, जिसके नाम से थर्राते हैं अपराधी

मुंबई: पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के मुंबई के पास नालासोपारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के पूरे आसार हैं. नालासोपारा में गणेशोत्सव और दही हांडी उत्सव के लिए शिवसेना ने जो पोस्टर छपवाए हैं उनमें प्रदीप शर्मा को भावी विधायक बताया गया है. हालांकि ना तो प्रदीप शर्मा का इस्तीफा अब तक मंजूर हुआ है और ना ही उन्होंने विधिवत शिवसेना में प्रवेश किया है. लेकिन जिस तरह नालासोपारा और आसपास के इलाकों में धुआंधार प्रचार हो रहा है और पोस्टर में उनकी तस्वीरें प्रमुखता से छापी गई है.

उसे देखकर तो यही लगता है कि शिवसेना ने प्रदीप शर्मा को टिकट देने का मन बना लिया है. अब तक इस क्षेत्र में बहुजन विकास आघाड़ी का दबदबा रहा है और हिंतेंद्र ठाकुर यहां से जीतते रहे हैं. लेकिन ऐसा लग रहा है कि शिवसेना ने प्रदीप शर्मा को उम्मीदवार बनाकर बहुजन विकास आघाडी के किले को ढहाने की तैयारी में जुट गई है.

शिवसेना और प्रदीप शर्मा फाउंडेशन के बैनर तले इस बार लोगों को महज 100 और 200 रुपए में गणेशोत्सव के मौके पर उन्हें कोंकण में उनके गांव ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था की जा रही है. गौरतलब है कि नालासोपारा में कोंकण के बहुत लोग रहते हैं जो हर साल गणोत्सव के दौरान अपने गांवों को जाते हैं.

उनके लिए सस्ती यात्रा का बंदोबस्त कर उनका दिल जीतने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा दही हांडी उत्सव पर दही हांडी तोडनेवाले गोंविंदाओं के लिए प्रदीप शर्मा की तस्वीरों वाले टीशर्ट बांटे जा रहे है. बारिश के मौसम में लोगों में छाते बांटकर भी माहौल बनाया जा रहा है.

प्रदीप शर्मा 1983 में पुलिस में भर्ती हुए थे. उन्होंने करीब 111 एनकाउंटर कर अपराधियों और दहशतगर्दों को ठिकाने लगाया. उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर उनसे प्रेरित फिल्म भी बन चुकी है. लश्कर ए तैयबा के तीन दहशतगर्दों को ठिकाने लगाने के बाद उनका नाम टाइम मैग्जीन में भी आया था.

लेकिन 2008 में लखनभैया फर्जी मुठभेड़ कांड में उनका नाम भी सामने आया. इसके बाद साल 2010 में अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ उन्हें गिरफ्तार कर निलंबित किया गया था. करीब चार साल जेल में रहने के बाद साल 2013 में उन्हें बरी कर दिया गया.

इसके बाद साल 2016 में उन्हें पुलिस सेवा में बहाल कर दिया गया. फिलहाल वो ठाणे की एंटी एक्सटार्शन सेल में सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर काम कर रहे थे. लेकिन पिछले महीने ही उन्होंने वालंट्री रिटायरमेंट की दरख्वास्त देकर अपना इस्तीफा ठाणे पुलिस कमिश्नर को सौंप दिया था. अभी तक आधिकारिक रूप से उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है. लेकिन लगता है प्रदीप शर्मा ने खाकी वर्दी छोड़कर खादी पहनने का मन बना लिया है.  

Trending news