भाजपा नेता गिरीश महाजन का दावा- 'अजित पवार ने NCP के सभी 54 विधायकों का समर्थन पत्र दिया'
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भाजपा नेता गिरीश महाजन का दावा- 'अजित पवार ने NCP के सभी 54 विधायकों का समर्थन पत्र दिया'

राज्‍य में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता गिरीश महाजन ने दावा कहा कि अजित पवार ने अपने विधायकों के समर्थन को लेकर राज्यपाल को एक पत्र दिया है और चूंकि वह राकांपा के विधायक दल के नेता हैं, जिसका अर्थ है कि राकांपा के सभी विधायकों ने हमारा समर्थन किया है. 

फोटो- ANI

नई दिल्‍ली/मुंबई : महाराष्ट्र में शनिवार सुबह नाटकीय घटनाक्रम के तहत राज्यपाल बीएस कोश्यारी द्वारा भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को राज्य के मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने खुलकर कह दिया कि यह एनसीपी का नहीं, बल्कि अजित पवार का फैसला है. यानि इस फैसले की न तो उन्‍हें भनक थी और न ही वह इससे वाकिफ थे. इसी बीच यह सवाल पूछा जा रहा था कि अजित पवार ने कितने विधायकों का समर्थन पत्र बीजेपी के साथ मिलकर राज्‍यपाल कोश्‍यारी को सौंपा तो इस पर तस्‍वीर सुबह करीब सावा 10 बजे साफ हो गई.

राज्‍य में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता गिरीश महाजन ने दावा कहा कि हम 170 से अधिक विधायकों के समर्थन के साथ अपना बहुमत साबित करेंगे. अजित पवार ने अपने विधायकों के समर्थन को लेकर राज्यपाल को एक पत्र दिया है और चूंकि वह राकांपा के विधायक दल के नेता हैं, जिसका अर्थ है कि राकांपा के सभी विधायकों ने हमारा समर्थन किया है. यानि उनका साफ कहना था कि एनसीपी के सभी 54 विधायकों का समर्थन पत्र अजित पवार ने राज्‍यपाल को दिया है.

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दरअसल, राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस को राज्य के मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. दोनों नेताओं ने आज सुबह लगभग आठ बजे यहां राजभवन में एक कार्यक्रम में शपथ ली. इस दौरान भाजपा और राकांपा के नेताओं के साथ-साथ अन्य सरकारी अधिकारी मौजूद थे. इसके तुरंत बाद, फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल उन्हें पत्र देकर निर्देश देंगे कि सदन में नई सरकार के लिए कब बहुमत सिद्ध करना होगा. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार बाद में होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फडणवीस और पवार को बधाई दी.

इसके बाद गृह मंत्रालय ने एक पत्र जारी कर दिया, जिसके अनुसार महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया है. 

मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन में स्पष्ट बहुमत पाने वाली शिवसेना ने चुनाव के बाद जनादेश खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि शिवसेना कुछ अन्य दलों के साथ सरकार बनाने की कोशिश करने लगी, जिसके कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया.

हालांकि, इन तीन दलों के लिए खिचड़ी सरकार बनाना और संभव नहीं दिखा और राज्य में स्थाई सरकार देने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. फडणवीस ने कहा, "अजीत पवार और अन्य के समर्थन से हमने राज्यपाल को एक सूची भेजी, जिन्होंने इस पर निर्णय लेने के लिए केंद्र से चर्चा की."

इसके बाद केंद्र से विचार-विमर्श करने के बाद राज्यपाल ने फडणवीस और पवार को सरकार बनाने का आमंत्रण दे दिया. वहीं अजीत पवार ने कहा कि मौजूदा समय में स्थाई सरकार बनाने की जरूरत है जो बनती प्रतीत नहीं हो रही थी. 

उन्होंने कहा, "मैं सरकार बनाने के लिए लगातार हो रही वार्ताओं से थक गया था और इसीलिए मैंने फडणवीस के साथ जाकर राज्य को स्थाई सरकार बनाने का निर्णय लिया."

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