दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर इकट्ठा हुए श्रमिकों की आपबीती, सुनकर आप भी भावुक हो उठेंगे
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दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर इकट्ठा हुए श्रमिकों की आपबीती, सुनकर आप भी भावुक हो उठेंगे

एक श्रमिक ने कहा कि वह जिस घर में रहता था उस घर के मकान मालिक ने उसे निकाल दिया. उसकी पत्नी प्रेग्नेंट है. उसके पास रहने खाने का कोई इंतजाम नहीं है. 

दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर इकट्ठा हुए श्रमिकों की आपबीती, सुनकर आप भी भावुक हो उठेंगे

नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) के गाजीपुर बॉर्डर (Gazipur Border) पर आज सुबह से फिर प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) की भारी भीड़ जुटने लगी है. यूपी में अपने घर लौटने के लिए दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर प्रवासी मजदूर जमा हुए हैं. इनमें हर किसी की आपबीती बेहद मार्मिक है. कोई जम्मू से पैदल चला आ रहा है तो किसी को ये बताया गया है कि यहां से बसें मिल रही हैं. 

एक श्रमिक ने कहा कि वह जिस घर में रहता था उस घर के मकान मालिक ने उसे निकाल दिया. उसकी पत्नी प्रेग्नेंट है. उसके पास रहने खाने का कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में वह अपनी पत्नी को लेकर गांव के लिए निकल पड़ा. कोई ई-रिक्शा चलाता था अब पैसे नहीं. 

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एक श्रमिक अपनी पत्नी और डेढ़ साल के बच्चे के साथ पिछले तीन दिनों से पैदल चल रहा है. उसने बताया कि वह पिछले 3-4 दिनों से चल रहे हैं और उन्हें बुलंदशहर जाना है. यह पूछने पर कि लॉकडाउन धीरे-धीरे खुले लगा है फिर क्यों जा रहे हो. तो उसने कहा कि दिल्ली में कोरोना बहुत फैल गया है इसलिए अब यहां और नही रुकना चाहते हैं. 

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दरअसल, बदइंतजामी और पैनिक के इस माहौल में लोगों तक सही सूचना नहीं पहुंच पा रही. ऐसे में श्रमिक जैसे-तैसे बस अपने गांव पहुंच जाना चाहते हैं.

आपको बता दें कि औरैया हादसे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पैदल और ट्रकों में बैठकर आनेवाले श्रमिकों को प्रदेश में घुसने पर रोक लगा दिया है ऐसे में दूसरे राज्यों से पैदल चलकर आ रहे श्रमिकों की दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई है. 

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