बीएसपी सुप्रीमो ने कहा है कि विपक्षी नेताओं को कश्मीर जाने से पहले सोचना चाहिए था. मायावती ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य होने में अभी थोड़ा समय लगेगा.
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नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर में विपक्षी नेताओं के दौरे को गलत बताने वाले बीएसपी सुप्रीमो मायावती के बयान पर एनसीपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. एनसीपी नेता माजिद मेमन ने कहा है कि बीएसपी की नेता जिस तरह का समर्थन कर रही है उससे दुख होता है. एनसीपी नेता ने कहा कि अगर मायावती बाबा साहब आंबेडकर के विचार को फॉलो करते हुए अखंड भारत की बात कर रही हैं तो हमने इस बिल का विरोध किया है. उन्होंने कहा 'अनुच्छेद 370 को हटाने से पहले सत्ता पक्ष ने विरोधी पक्ष में से किसी को नहीं बताया. इससे देश में इमरजेंसी जैसा वातावरण बन गया है. कश्मीर के लोगों के साथ भी इस बारे में कोई विचार नहीं किया गया है. यह पूरी तरह से असंवैधानिक तरीके से उठाया गया कदम है.'
माजिद मेमन ने आगे कहा, 'हमारा कश्मीर जाने का मतलब था कि विपक्षी नेताओं को नजरबंद क्यों रखा गया है? स्कूल कॉलेज बंद है और कहा जा रहा है वह खुल गए हैं. वादी ठहर गई है. हम सच्चाई जानने के लिए गए थे, हमने बार बार कहा था कि हमारा अशांति फैलाने का कोई मकसद नहीं है, हमारा कोई इरादा नहीं था प्रदर्शन का.'
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मायावती द्वारा विपक्षी नेताओं की आलोचना करने पर माजिद मेमन ने कहा, 'बीएसपी की नेता जिस तरह से बीजेपी का समर्थन कर रही हैं, दुख होता है, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता है सच्चाई वैसे ही रहेगी. हम तो चाहते थे कि लोगों को समझाया जाए. अगर उनको (कश्मीर के लोगों को) इसके (370 हटाए जाने) खिलाफ लड़ाई लड़नी है तो कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.'
बता दें कि 24 अगस्त को राहुल गांधी के साथ श्रीनगर पहुंचने वाले विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में डी राजा, शरद यादव, माजिद मेमन और मनोज झा भी शामिल थे. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी और अन्य कांग्रेसी नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी. जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने राहुल गांधी के दौरे पर आपत्ति जताई है. प्रशासन का कहना है कि हम लोगों को आतंकवाद से बचाने में जुटे हैं. नेताओं के दौरे से जम्मू-कश्मीर के लोगों को परेशानी होगी.
उधर आज (26 अगस्त) कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बयान पर एनसीपी नेता ने कहा, 'राज्य के गवर्नर को गैरराजनीतिक होना चाहिए. लेकिन हमने एनडीए के शासन में कई बार देखा है कि राज्यपालों का बीजेपी की तरफ झुकाव होता है, जोकि गलत है, असंवैधानिक है, जिसे की सही किए जाने की जरूरत है. सत्यपाल मलिक का बयान भी किसी ना किसी तरह बीजेपी का समर्थन करने जैसा है लेकिन अधीर रंजन चौधरी ने जो कहा वह उनकी अपनी सोच है.'
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बता दें कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के समर्थन करने वाली बीएसपी नेता मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कश्मीर पर सवाल उठाए है. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा है कि विपक्षी नेताओं को कश्मीर जाने से पहले सोचना चाहिए था. मायावती ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य होने में अभी थोड़ा समय लगेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए थोड़ा इंतजार किया जाए तो बेहतर होगा. मायावती ने कहा है कि विपक्ष का बिना अनुमति के वहां जाना केंद्र और राज्यपा को राजनीति करने का अवसर देने जैसा है.