मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में अतिवृष्टि की हालातों का जायजा लेने के बाद मीडिया से बातचीत में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी एक विशेष आग्रह किया.
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जयपुर: राजस्थान में बाढ़ के कारण कई संभागों में जनता का हाल बेहाल है. नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण तटवर्ती गांव में ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बढ़ते जलस्तर के कारण पानी अब लोगों के घरों में प्रवेश करने लगा है. वहीं राजस्थान सरकार भी बाढ़ के हालात पर पूरी नजर बनाए हुए है. सोमवार को जहां सीएम अशोक गहलोत ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया वहीं लोकसभा स्पीकर ने भी कोटा के कई जगहों का निरीक्षण किया.
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में अतिवृष्टि की हालातों का जायजा लेने के बाद मीडिया से बातचीत में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी एक विशेष आग्रह किया. उन्होंने कहा ओम बिरला कोटा में सक्रिय हैं. हालातों का निरीक्षण भी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पूरे राजस्थान के हालात पर भी नजर रखनी चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ओम बिरला को राजस्थान के हिस्से की सहायता राशि केंद्र सरकार से दिलाने में मदद करनी चाहिए. वर्तमान में केंद्र सरकार से राजस्थान को सहयोग नहीं मिल पा रहा है और आने वाले दिनों में क्या हालात होंगे इसका भी कोई अंदाजा नहीं है.
बता दें कि लगातार हो रही बारिश और नदियों में बांध से छोड़े जाने वाले पानी से कई जिलों में हालात बिगड़ गए हैं. बारिश और बाढ़ से सबसे ज्यादा कोटा, बांसवाड़ा, झालावाड़, प्रतापगढ़, पाली और धौलपुर में हालात खराब हैं. जिसके कारण ग्रामीण अपनी मवेशियों व खाने-पीने की वस्तुओं के साथ अन्य जरूरी सामान को लेकर ट्रैक्टर, ट्यूब आदि की मदद से जान हथेली पर रखकर खुद को बचाने के साथ सामान को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि उनकी मदद के लिए प्रशासन ने कोई भी व्यवस्था नहीं की है. जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. चंबल तटवर्ती अंधियारी गांव लगभग आधा खाली हो चुका है. वहीं, बसई घियाराम के करीब 30-40 लोगों ने नाव के सहारे अपने स्तर पर चंबल तटवर्ती गांव दगरा-बरसला, हेतसिंह का पुरा, खोड़ आदि गांव में पहुंचकर पानी से प्रभावित लोगों के घरों के सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में उनकी मदद की.