राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, गरीब सर्वण आरक्षण के लिए जमीन का प्रावधान किया खत्म
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राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, गरीब सर्वण आरक्षण के लिए जमीन का प्रावधान किया खत्म

बीडी कल्ला ने कहा है इससे राजस्थान के सामान्य वर्ग के उस बड़े हिस्से को आरक्षण का लाभ मिलेगा तो संपत्ति के प्रावधानों के चलते आरक्षण के दायरे से बाहर हो रहे थे. 

फाइल फोटो

जयपुर: राजस्थान में 2 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मास्टरस्ट्रोक ने विपक्षियों को चारों खाने चित कर दिया है. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए आरक्षण के प्रावधान में अचल संपत्ति के प्रावधान को हटा दिया है. सरकार के इस फैसले से अब सामान्य वर्ग के एक बड़े वर्ग को आरक्षण का लाभ मिलेगा जो अभी तक इससे वंचित हो रहे थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस निर्णय का सरकार के मंत्रियों पीसीसी के पदाधिकारियों और सामाजिक संगठनों ने स्वागत किया है.

राजस्थान में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो को मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण के लिए अब सरकार ने अचल संबंधी प्रावधानों को समाप्त करने का जो निर्णय लिया है. उसका सरकार के मंत्रियों, पीसीसी के पदाधिकारियों और सामाजिक संगठनों ने स्वागत किया है. गहलोत सरकार में ऊर्जा और जल संसाधन मंत्री बीडी कल्ला ने इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ऐतिहासिक निर्णय बताया है. 

बीडी कल्ला ने कहा है इससे राजस्थान के सामान्य वर्ग के उस बड़े हिस्से को आरक्षण का लाभ मिलेगा तो संपत्ति के प्रावधानों के चलते आरक्षण के दायरे से बाहर हो रहे थे. यह युवा ऐसे थे जिनके पास ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र भी नहीं था. बीडी कल्ला ने कहा उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे पर पैरवी की थी. पीसीसी के सचिव और सवर्ण आरक्षण आरक्षण के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले पंडित सुरेश मिश्रा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा है. इस निर्णय से आरक्षण की जटिलताएं समाप्त होंगी और लोगों को ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र हासिल करने में भी आसानी रहेगी.

दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक ने उपचुनाव से पहले जो मास्टर स्ट्रोक खेला है उससे ना केवल विपक्ष बल्कि सरकार का विरोध कर रहे सामाजिक संगठनों को भी निरुत्तर कर दिया है. यही वजह है कि करणी सेना जैसे संगठन भी अब सरकार के इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं. श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है लेकिन गोगामेडी ने कहा है कि देश भर में आरक्षण पूरी तरीके से आर्थिक आधार पर ही होना चाहिए.

सवर्णों को मिलने वाले 10% आरक्षण में अभी तक कई जटिलताएं थी. खासतौर पर संपत्ति संबंधित पात्रता के आड़े आने की वजह से युवाओं को नौकरियों में प्रमाण पत्र बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इस वजह से सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था. प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष भी यह परेशानी थी कि उनके पास ऐसा कोई सिस्टम नहीं था इससे आवेदन में अंकित संपत्ति की सत्यता की जांच की जा सके लेकिन अब राज्य सरकार ने संपत्ति जुड़े समस्त प्रावधान जब समाप्त कर दिए हैं तो निश्चित तौर पर आवेदन करता और प्रशासनिक स्तर पर दोनों जगह जटिलताओं को खत्म किया जा सकेगा. राजनीति पंडित यह भी मान रहे हैं कि खींवसर और मंडावा के उपचुनाव में कांग्रेस को इस कदम से बड़ा लाभ होने जा रहा है. 

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