राजस्थान बीजेपी में बढ़ा सतीश पुनिया का कद, जानिए उनका राजनीतिक सफर
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राजस्थान बीजेपी में बढ़ा सतीश पुनिया का कद, जानिए उनका राजनीतिक सफर

आमेर से विधायक और जाट समुदाय के लो प्रोफाइल नेता माने जाने वाले सतीश पुनिया को राजस्थान बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

राजस्थान बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया. (फोटो साभार: Twitter)

नई दिल्ली: राजस्थान बीजेपी (Rajasthan BJP) में लंबे समय से खाली रहे प्रदेश अध्यक्ष के पद पर विधायक सतीश पुनिया(Satish Poonia) को नियुक्त किया गया है. बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह(Arun Singh) ने 14 सितंबर को विधायक सतीश पुनिया को राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया.

पूर्व प्रदेशध्यक्ष मदनलाल सैनी (Madan Lal Saini) के निधन के बाद लंबे समय से यह पद खाली था. इस दौरान बीजेपी के संगठन मंत्री चंद्रशेखर के नेतृत्व में पुरानी कमेटी राजस्थान में काम कर रही थी. 

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प्रदेश अध्यक्ष के लिए लगी लंबी लाइन में सतीश पुनिया की नियुक्ति चौंकाने वाली रही. पुनिया को बीजेपी कार्यकर्ता जमीन से जुड़ा नेता बता रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष की रेस में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत(Gajendra Singh Sekhawat) और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी(CP Joshi) जैसे दिग्गज नेताओं का नाम भी चर्चा में रहा. 

 

माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी नियुक्ति सदस्यता अभियान के दौरान किए कार्य और समर्पण की बदौलत की है. उनकी संघ की पुष्टभूमि रही है. सतीश पुनिया का जन्म 20 दिसंबर 1964 में हुआ था. पुनिया चूरू जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने विज्ञान में स्नातक के साथ राजस्थान विश्वविद्यालय से बैचलर इन लॉ की डिग्री भी ली है. इसके साथ ही श्रम विधि, अपराध शास्त्र, भारतीय इतिहास और संस्कृत में किया डिप्लोमा के साथ भूगोल विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है.

पुनिया का छात्र जीवन में युवा राजनीतिक आंदोलनों में की भागीदारी रही है. इसके अलावा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से उनका लंबे समय तक जुड़ाव रहा. उन्होंने बोफार्स भ्रष्टाचार के खिलाफ किया आंदोलन में भाग लिया था. प्रदेश अध्य़क्ष बनने के पहले पुनिया राजस्थान बीजेपी के महामंत्री रह चुके हैं.

सतीश पूनिया वर्तमान में आमेर से विधायक हैं. इसके अलावा पूनिया बीजेपी सदस्यता अभियान के प्रदेश संयोजक भी हैं. उनपर वर्तमान में प्रदेश प्रवक्ता का दायित्व है. बताया जा रहा है कि उनके चयन का आधार सोशल इंजीनियरिंग बना है.

माना जा रहा है कि पूनिया के लिए नए दायित्व के साथ कई चुनौतियां भी शामिल है. विधानसभा चुनाव के दौरान लगातार सक्रिय रहें पुनिया को प्रदेश में होने वाले पंचायत और शहरी निकाय चुनावों में जीत का दायित्व है.

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