इसकी शुरूआत जयपुर में जलदाय विभाग के मुख्यालय जलभवन, डब्ल्यूएसएसओ बिल्डिंग और दूसरे दफ्तरों से की जाएगी. म्यूरल्स, पेंटिंग्स और ‘स्कल्पचर‘ लगाकर दफ्तरों को नया लुक दिया जाएगा.
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जयपुर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष में जलदाय विभाग पॉजिटिव इंजीनियरिंग की शुरूआत करने जा रहा है. पॉजिटिव इंजीनियरिंग के फार्मूले पर पीएचईडी के दफ्तरों को ऐसा लुक दिया जाएगा, जिससे अफसरों के साथ साथ बाहर से आने वाले लोग भी पीएचईडी से पानी बचाने का संदेश ले सकेंगे.
जल संरक्षण के लिए राजस्थान का संघर्ष लगातार जारी है. राजस्थान में मानसून कम सक्रिय होने से जल संरक्षण ही एकमात्र उपाय है. हालांकि इस साल पूरे प्रदेश में मानसून काफी सक्रिय रहा, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता इसलिए पीएचईडी विभाग महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अपने दफ्तरों को आर्टिस्टिक लुक देने जा रहा है.
पीएचईडी के नए लुक में दफ्तरों पर महात्मा गांधी के जलसरंक्षण से जुड़े स्लोगन लिखे जाएंगे. इसके साथ साथ पीएचईडी के दफ्तरों में आने वाले आमजन को जल संरक्षण, जल की बचत और दैनिक जीवन में पानी का मितव्ययता के साथ सदुपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके साथ साथ दफ्तर का पूरा लुक इस तरह का होगा कि हर कौने में पानी के सरंक्षण का संदेश जरूर मिलेगा.
इसकी शुरूआत जयपुर में जलदाय विभाग के मुख्यालय जलभवन, डब्ल्यूएसएसओ बिल्डिंग और दूसरे दफ्तरों से की जाएगी. म्यूरल्स, पेंटिंग्स और ‘स्कल्पचर‘ लगाकर दफ्तरों को नया लुक दिया जाएगा. जल विषयक थीम पर पेंटिंग्स तैयार करने के लिए जवाहर कला केन्द्र के सहयोग से कलाकारों की मदद ली जाएगी. साथ ही महात्मा गांधी द्धारा बताए गए जल के महत्व को रेखांकित करने वाले संदेश भी साइन बोर्ड पर के सभी दफ्तरों में लगाए जाएंगे. चीफ इंजीनियर आईडी खान का कहना है कि इसकी तैयारी की जा रही है और 150वीं जयंती से इस अभियान का शुभारंभ किया जाएगा.
पीएचईडी की इस मुहिम से शायद ऐसे अफसरों को भी सीख मिलेगी. जिन्हें जलनायक कहा जाता है, लेकिन उनके काम खलनायक जैसे होते हैं.