राजस्थान के पुलिसकर्मी आधुनिक हथियार चलाने में हैं नाकाम, आलाधिकारियों ने दिए प्रैक्टिस के निर्देश
Advertisement
trendingNow1573285

राजस्थान के पुलिसकर्मी आधुनिक हथियार चलाने में हैं नाकाम, आलाधिकारियों ने दिए प्रैक्टिस के निर्देश

राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police)पर हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और की कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है. राजस्थान पुलिस के पास मौजूद 23 तरह के हथियारों (Arms) को पुलिसकर्मी चलाना भी नहीं जानते.

बहरोड़ थाने की घटना के बाद प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

विष्णु शर्मा, जयपुर: राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police)पर हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और की कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है. राजस्थान पुलिस के पास मौजूद 23 तरह के हथियारों (Arms) को पुलिसकर्मी चलाना भी नहीं जानते. प्रदेश के जिलों के दौरे के दौरान डीजीपी (DGP) को इस बात की जानकारी मिली. इसके बाद डीजी (कानून-व्यवस्था) एमएल लाठर ने कांस्टेबल से एसपी तक सभी कार्मिकों के लिए इन हथियारों की ड्राई प्रैक्टिस कराने के आदेश जारी किए हैं. 

हाल में राजस्थान पुलिस पर बहरोड़ थाने की घटना के बाद लगातार सवाल उठ रहा है. पहली बार हथियारबंद बदमाश फायरिंग कर बहरोड़ थाने में बंद अपने साथ पपला को भगा ले गए. जिसके बाद विपक्षी दल समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. 

प्रदेश के डी़जीपी डॉ भूपेंद्र सिंह ने प्रदेश का दौरा किया. इस दौरान उन्हें यह जानकारी मिली. बताया जा रहा है कि पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान पुलिस को आवंटित और खरीदे गए आधुनिक हथियारों की पुलिसकार्मिकों को ट्रेनिंग ही नहीं दी गई.

LIVE TV देखें

23 तरह के हथियारों की ट्रेनिंग का अभाव
पुलिस कर्मियों में 23 तरह के हथियारों की ट्रेनिंग का अभाव पाया गया. ये तमाम हथियार आधुनिक श्रेणी के हथियार हैं, जिनसे दंगा कंट्रोल से लेकर बदमाशों से मुठभेड़ तक की जा सकती है.ह थियारों की ट्रेनिंग नहीं होने की जानकारी सामने आने पर एक दिन पहले डीजी कानून व्यवस्था एमएल लाठर ने हथियारों की ट्रेनिंग कराने के आदेश दिया. 

इस दौरान लाठर ने जयपुर और जोधपुर के पुलिस कमिश्नर, एडीशनल पुलिस कमिश्नर, सभी डीसीपी, रेंज आईजी और जिलों के पुलिस अधीक्षक को ई मेल के जरिए संदेश भेजा है. अपने ई-मेल में उन्होंने ट्रेनिंग के लिए दिए जाने वाले हथियारों का उल्लेख करते हुए उनकी ड्राई प्रैक्टिस करवाने की बात कही है.

कांस्टेबल से एसपी स्तर तक के पुलिसकर्मियों को मिले ट्रेनिंग
आदेश के मुताबिक, कांस्टेबल से लेकर एसपी स्तर तक की ट्रेनिंग होगी. दो महीने की अवधि में 23 प्रकार के हथियारों की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके साथ वार्षिक चांदमारी के निर्धारित मापदंड भी पूरे किए जाएंगे. डीजी कानून व्यवस्था ने चांदमारी और ट्रेनिंग की साप्ताहिक रिपोर्ट मांगी है. इस दौरान पुलिसकर्मियों को हथियारों की ड्राई प्रैक्टिस और मस्केटरी कराई जाएगी.

दंगा कंट्रोल के लायक भी नहीं पुलिस
डीजी कानून व्यवस्था एमएल लाठर की ओर से दी गई सूची की मानें तो राजस्थान पुलिस ने केवल बदमाशों से मुठभेड़ बल्कि दंगा कंट्रोल में भी कारगर नहीं है. 23 हथियारों की सूची देखें तो साफ पता चलता है कि पुलिसकर्मियों को दंगा रोकने के काम आने वाली एंटी रॉयट गन, टीयर गैस गन, एमबीएल अग्निवर्षा तक को चलाने का ज्ञान नहीं है. ऐसे में प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए यह गंभीर प्रश्न है.

80 फीसदी नहीं देखते चांदमारी.
जानकारों की मानें तो पुलिस में भर्ती के दौरान विभिन्न हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है. पुलिस विभाग में भर्ती के बाद कांस्टेबल से लेकर एसपी तक सभी को साल में एक या दो बार चांदमारी के लिए जाना जरूरी होता है. लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रदेश के 80 प्रतिशत से ज्यादा पुलिसकर्मी भर्ती के बाद चांदमारी नहीं जाते. 

ये हथियार जिनकी ट्रेनिंग की बताई गई जरूरत
राजस्थान पुलिस के कर्मियों को इन हथियारों के ट्रेनिंग की जरुरत बताई गई है. जिसमें राइफल 7.62 एमएम बीए, राइफल 22 इंच, 7.62एमएम एसएलआर, राइफल एके सीरीज, राइफल 5.56एमएम इंसास, वीएलपी, .38इंच रिवाल्वर, 9एमएम पिस्टल, दंगारोधी गन, अश्रुगैस गन, 7.62 एमएम एलएमजी, 9एमएम कार्बाइन, ग्लोक पिस्टल, 51 एमएम मोर्टार, एमपी-5, 5.56 एमएम एमएलजी, स्नीफर राइफल, यूबीजीएल, एजीएल, 7.62एमएम एसएलआर फल, एमीएल अग्निवर्षा, 12 बोर पम्प एक्शन गन, 2 इंच मोर्टार शामिल है.

Trending news