कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीधे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मुलाकात की.
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जयपुर/नई दिल्ली: राजस्थान की गहलोत सरकार पर संकट गहराता जा रहा है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे. पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें डिप्टी सीएम पद से हटा दिया है. उन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा भी मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिए गए हैं. गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीधे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मुलाकात की.
इससे पहले गोविंद सिंह डोटासरा सीकर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे हैं. डोटासरा राजस्थान सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री भी हैं. विधायक गणेश घोघरा यूथ कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे. हेम सिंह शेखावत सेवादल के नए प्रदेश मुख्य संगठक होंगे. तीनों पदों पर नियुक्ति की घोषणा पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुई. कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में रणदीप सुरजेवाला ने घोषणा की.
इससे पहले, कांग्रेस की प्रेसवार्ता आयोजित की गई जिसमें कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया. सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश की है. आयकर विभाग, ईडी का सहारा लिया गया. धनबल और बाहुबल के दुरुपयोग से कांग्रेस विधायकों को खरीदा गया. सचिन पायलट और कुछ मंत्री बीजेपी के जाल में दिग्भ्रमित हो गए हैं. पायलट राजस्थान की सरकार को गिराने की साजिश कर रहे हैं.
सत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट से राहुल गांधी ने एक बार, प्रियंका गांधी ने 4 बार, चिदंबरम ने 6 बार, अहमद पटेल ने 15 बार और के सी वेणुगोपाल ने 3 बार बात की. प्रियंका गांधी ने 3 बार सचिन पायलट को फोन किया. पायलट ने जवाब नहीं दिया. प्रियंका गांधी के फोन का विधायक भंवरलाल शर्मा जवाब देते रहे.