टाइगर पर पुलवामा में कई नेताओं और नागरिकों की हत्या करने का आरोप था. वह अप्रैल, 2016 से आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा था.
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श्रीनगर : सोमवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिद्दीन के समीर अहमद भट उर्फ ‘समीर टाइगर’ सहित दो आतंकवादी मारे गए. इस मुठभेड़ में एक नागरिक की भी मौत हो गई और सेना के दो जवान घायल हो गए. सेना जब आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी, तो स्थानीय लोगों ने सेना पर पथराव किया.
प्रदर्शनकारी मुठभेड़ स्थल पर जमा हो गए थे ताकि आतंकवादी वहां से फरार हो सकें. दोपहर के करीब सुरक्षाबलों द्वारा घर पर की गई भारी गोलीबारी से वहां विस्फोट हो गया. इसके एक घंटे बाद एक आतंकवादी मारा गया, जिसकी पहचान आकीब मुश्ताक के रूप में हुई. कुछ देर बाद समीर टाइगर नाम का नाम का आतंकवादी मारा गया. समीर टाइगर के एनकाउंटर को सेना एक बड़ी कामयाबी मान रही है.
टाइगर पर पुलवामा में कई नेताओं और नागरिकों की हत्या करने का आरोप था. वह अप्रैल, 2016 से आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा था. कश्मीर के घने जंगलों में महीनों तक छुपे रहने के बाद 20 वर्षीय टाइगर उस जगह लौटा, जहां का वह बाशिंदा था और जहां उसका अपना घर था, लेकिन वहां उसकी मुलाकात मौत से हो गई.
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अधिकारियों ने बताया कि समीर अहमद भट उर्फ समीर टाइगर हिजबुल मुजाहिदीन में भर्ती करने वाला मुख्य शख्स था. पुलवामा के द्राबगाम में उसका घर था. उन्होंने बताया कि भट को अब्बासी और फैसल जैसे अलग-अलग नाम से भी जाना जाता था. गांव में छह घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद उसे मार गिराया गया.
It was on a specific input that forces launched a cordon. 2 terrorists have been killed. Most important is that Sameer Ahmed Butt was killed, he was active since 2016 & was involved in civilian killings & attacks on security forces: SP Pani, IGP #Kashmir on #Pulwama encounter pic.twitter.com/PewMuMfnld
— ANI (@ANI) 30 अप्रैल 2018
सुरक्षा बलों को एक घर में आतंकियों के छुपे होने की पुख्ता सूचना मिली थी जिसके बाद उन्होंने उस घर को घेर लिया.
समीर अहमद भट नवम्बर, 2017 में उस वक्त राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया, जब दक्षिण कश्मीर के किसी बगीचे में खींचे एक फोटो में वह अमेरिकी एम-4 कार्बाइन थामे हुए दिखा था. इसके बाद यह चर्चा छिड़ गई थी कि अमेरिका में बना हथियार घाटी कैसे पहुंचा. तस्वीर को सोशल मीडिया पर खास साझा किया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि समूची कश्मीर घाटी को आतंकित करने वाले इस युवक ने पत्थरबाज के तौर पर शुरूआत की थी. आठवीं कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ने वाला भट जुलाई, 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद हिजबुल मुजाहिदीन के अन्य पोस्टर बॉय के तौर पर उभरा था. बुरहान वानी की मौत से करीब तीन पहले मार्च, 2016 में भट को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सुरक्षा कर्मियों पर पथराव करने के मामले में हिरासत में लिया था. उस वक्त वह महज 18 साल का था.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने तकरीबन दो हफ्तों तक तब उसकी काउंसलिंग कराई थी और उसे इस शर्त पर छोड़ दिया था कि वह अपनी पढ़ाई फिर शुरू करेगा. इसके कुछ दिन बाद ही उसके माता-पिता द्राबगाम थाने पहुंचे और अपने बेटे के लापता होने के बारे में शिकायत दर्ज कराई. भट त्राल से सटे जंगलों में भाग गया था और आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था. उसने साथ में अन्य आतंकी समूहों की भी मदद की थी.
(इनपुट भाषा से)