त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने हाल ही में पान की दुकान को लेकर बयान दिया था. अब उनके इस बयान पर खुद एक पानवाले ने प्रतिक्रिया दी है.
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नई दिल्ली: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने हाल ही में पान की दुकान को लेकर बयान दिया था. अब उनके इस बयान पर खुद एक पानवाले ने प्रतिक्रिया दी है. आपको बता दें कि, बिप्लब देब ने 28 अप्रैल को अगरतला में विश्व पुशपालन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, युवा कई सालों से राजनीतिक दलों के पीछे भाग रहे हैं, ताकि उन्हें सरकारी नौकरी मिल सके. ऐसा कर वे अपनी जिंदगी का अहम समय बर्बाद कर रहे हैं. दलों के पीछे भागने से अच्छा यदि ये युवा पान की दुकान खोल लेते तो अभी तक उनका बैंक बैलेंस पांच लाख रुपये तक पहुंच चुका होता.
पानवाले ने दिया ये जवाब
इस बयान के लिए त्रिपुरा सीएम बिप्लब देब को काफी आलोचना झेलनी पड़ी. लगातार विवादित बयान देने के कारण उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली तलब किया है. इस बीच एक पानवाले ने पान की दुकान चलाने और युवाओं के लिए इसके जरिए रोजगार पाने के मौके को लेकर अपनी राय रखी.
#WATCH: Hum 6 bhai hain aur sabke 2-2 bacche hain. Ab saare padhke toh officer banenge nahi. Ab kuch toh gadbad niklenge. Hum unko iss line mein laake accha banayenge. Yeh ek accha vikalp hai: Bharat Tiwari, owner of Mumbai's Muchchad Panwala on Tripura CM Biplab Deb's comment. pic.twitter.com/WcSv8IkzUu
— ANI (@ANI) April 30, 2018
मुंबई के मशहूर मुच्छड़ पानवाला दुकान के मालिक भरत तिवारी ने बिप्लब देब के बयान का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि, हम 6 भाई है और सभी के दो दो बच्चे हैं. अब सारे तो पढ़कर आधिकारी बन नहीं सकते. इतने बच्चों में से कुछ तो गड़बड़ निकलेंगे. जो ऐसा निकलेगा हम उसे इस लाइन (पान की दुकान चलाने) में खींच लेंगे. इस लाइन में लाकर बच्चे को अच्छा बनाएंगे. ये रोजगार का एक अच्छा विकल्प है'.
मैकेनिकल इंजीनियरिंग पढ़ने वालों पर भी दिया था बयान
पान की दुकान खोलने के कमेंट से पहले बिप्लब देब ने 28 अप्रैल को मैकेनिकल इंजीनियरिंग पढ़कर सिविल सर्विस में आने वाले युवाओं को लेकर भी बयान दिया था. बिप्लब देब ने कहा था कि, 'मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए. समाज का निर्माण करना है. सिविल इंजीनियरों के पास यह ज्ञान है... क्योंकि जो लोग प्रशासन में हैं उनको समाज का निर्माण करना है'. देब ने कहा कि पहले कला स्नातक सिविल सेवा परीक्षा में बैठते थे और अब मेडिकल और इंजीनियरिंग स्नातक सेवा में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिविल सेवा अधिकारी हरफनमौला होने चाहिए क्योंकि 'सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सबसे अधिक मांग है'.