उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव ग्रामीण विकास बैंकों (Uttar Pradesh Cooperative Village Development Banks) के चुनावों में 'ऐतिहासिक जीत' को लेकर बीजेपी (BJP) नेताओं ने दावा किया है कि विपक्षी उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने की हिम्मत ही नहीं की.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) के लिए ये जश्न का मौका है क्योंकि बीजेपी और उसके समर्थित उम्मीदवारों ने उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव ग्रामीण विकास बैंकों के चुनावों में 311 में से 281 सीटें जीत ली हैं. इसके लिए मंगलवार को मतदान हुआ था. विपक्ष में मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने कुछ सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की.
आपको बता दें कि इन चुनावों के लिए चुनाव आयुक्त पी.के. मोहंती ने कहा कि शिकायतों के चलते प्रदेश में 11 जगहों पर चुनाव रद्द किए गए थे.
इस 'ऐतिहासिक जीत' को लेकर बीजेपी नेताओं ने दावा किया है कि विपक्षी उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने की हिम्मत ही नहीं की. वहीं विपक्ष ने कहा कि राज्य की मशीनरी ने चुनावों को हाइजैक कर लिया था.
कांग्रेस गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी के जगदीशपुर में ही जीत दर्ज कर सकी, जहां राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी से हार गए थे. विपक्षी दलों द्वारा जीती गई अन्य प्रतिष्ठित सीटों में वाराणसी, बलिया, गाजीपुर और इटावा रहीं.
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2005 से तीन बार बैंक के अध्यक्ष रह चुके प्रगतिवादी समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने नियमों में बदलाव किया जिसने उन्हें चुनाव लड़ने में अयोग्य घोषित कर दिया.
शिवपाल यादव ने कहा, 'अध्यक्ष पद के लिए दो बार से ज्यादा चुनाव लड़ना अब वर्जित है, जो कि अलोकतांत्रिक है.'
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