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नई दिल्ली. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा को देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में एक माना जाता है. इस परीक्षा में हर साल लाखों की संख्या में कैंडिडेट्स शामिल होते है, जिसके चलते एग्जाम में बेहतर तैयारी के साथ बैठने की जरूरत होती है. ताकि जल्द सफलता मिल जाए. हालांकि कई अभ्यर्थियों का चयन दो से तीन अटेम्प्ट में होता है. ऐसे अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी करने वाले अन्य अभ्यर्थियों के लिए मिशाल बन जाते हैं. आज हम आपको इसी साल 48वीं रैंक लाकर आईएएस बनने वाले कुमार अनुराग (Kumar Anurag) की कहानी बताएंगे, जिन्होंने बेहद खास रणनीति अपनाकर सिविल सेवा में सफलता हासिल की. यह रणनीति खासतौर से उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, जो इस वक्त सिविल सेवा की तैयारी करने का प्लान बना रहे हैं.
अनुराग मूल रूप से बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं. उनकी 8वीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई, जिसके बाद उन्हें अंग्रेजी मीडियम में एडमिशन दिला दिया गया और इस दौरान उन्हें पढ़ाई में काफी दिक्कतें आईं. उन्होंने पूरे मन लगाकर पढ़ाई की और 10वीं, 12वीं में उनके अच्छे नंबर आए. इसके बाद उन्हें दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला मिल गया. अनुराग की जिंदगी में यह ऐसा दौर था जब उनका पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था. नतीजा यह हुआ कि वे अपनी ग्रेजुएशन में कई सब्जेक्ट में फेल हो गए. इसके बाद उन्होंने किसी तरह से ग्रेजुएशन की और पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन ले लिया.
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आपको जानकर हैरानी होगी कि अनुराग में लगातार दो बार यूपीएससी की परीक्षा पास की. पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान अनुराग ने यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी करने का फैसला किया. पीजी की पढ़ाई पूरी होते ही उन्होंने पूरे समर्पण और मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू की. अनुराग ने यूपीएससी की परीक्षा दोनों ही प्रयास में पास की. पहले प्रयास में उन्हें IAS सर्विस नहीं मिली. ऐसे में उन्होंने एक बार फिर प्रयास किया और साल इस बार मन मुताबिक सफलता हासिल कर ली. उन्हें ऑल इंडिया रैंक 48 हांसिल हुई. इस तरह कुमार अनुराग का आईएएस बनने का सपना पूरा हो गया.
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यूपीएससी की तैयारी करने वाले अन्य अभ्यर्थियों को लेकर अनुराग का कहना है कि अपने पिछले एजुकेशन बैकग्राउंड को छोड़कर नए सिरे से शुरुआत करें. वे कहते हैं कि इस परीक्षा में आप जीरो से शुरू करके भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं. अनुराग खुद इस बात का उदाहरण हैं. उनके मुताबिक यहां तैयारी के दौरान जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए और एक एक टॉपिक को बेहद बेहद गहराई के साथ पढ़ना चाहिए. कड़ी मेहनत और बेहतर रणनीति ही यहां सफलता का मूल मंत्र है.
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