Election Commissioner Appointment: चुनाव आयुक्त के नामों पर सस्पेंस खत्म, ज्ञानेश कुमार-सुखबीर संधू के नाम पर लगी मुहर
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Election Commissioner Appointment: चुनाव आयुक्त के नामों पर सस्पेंस खत्म, ज्ञानेश कुमार-सुखबीर संधू के नाम पर लगी मुहर

EC Appointment News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में आज 7 लोक कल्याण मार्ग में चुनाव आयुक्तों (Election Commissioners) की नियुक्ति पर फैसला हो गया है. 

Election Commissioner Appointment: चुनाव आयुक्त के नामों पर सस्पेंस खत्म, ज्ञानेश कुमार-सुखबीर संधू के नाम पर लगी मुहर

Election Commissioner selection: निर्वाचन आयोग (EC) को नए अफसर मिल गए हैं. चयन समिति के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सरकार ने उनसे पहले से सूची साझा नहीं की थी. चौधरी की नाराजगी की खबरों के बीच ये तय हो गया है कि सुखबीर संधू, ज्ञानेश कुमार देश के नए चुनाव आयुक्त होंगे. प्रधानमंत्री आवास पर हुई एक अहम बैठक में दोनों अधिकारियों का नाम तय हुआ. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इस चयन प्रकिया में हिस्सा लिया.

जिस बात का डर था वही हुआ: चौधरी

आपको बताते चलें कि बैठक खत्म होने के बाद हालांकि अधीर रंजन चयन प्रकिया को लेकर सरकार के रवैये से नाराज दिखे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी मर्जी से नाम तय किए हैं. उन्हें सदस्य होने के नाते पहले सूची देनी चाहिए थी, जो उन्हें नहीं दी गई. चयन प्रकिया पर सवाल उठाते हुए विपक्ष का कहना है कि नए कानून से चुनाव आयोग (EC) सरकार की कठपुतली बन गया है. जिस कानून के तहत नए अफसर चुने गए हैं वो विधेयक ही संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में सरकार की मर्जी से हुई है.

गौरतलब है कि अनूप चंद्र पांडे के 14 फरवरी को रिटायरमेंट और आठ मार्च को अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे से दोनों पद खाली हो गए थे. गोयल का इस्तीफा नौ मार्च को अधिसूचित हुआ था. रिक्तियों के कारण निर्वाचन आयोग में अभी केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार हैं.

पहला मौका जब चयन प्रकिया में सीजेआई नहीं

मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति पर नया कानून हाल में लागू होने से पहले निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी और परंपरा के अनुसार, सबसे वरिष्ठ को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त किया जाता था. पुरानी प्रकिया में सीजेआई की भूमिका भी होती थी जो अब नहीं है.

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