कोरोना संकटकाल में कई नई चीजें सामने आई हैं. इसी में से एक है खुली अदालत में सुनवाई की जगह वर्चुअल हियरिंग का होना.
Trending Photos
नई दिल्ली: कोरोना संकटकाल में कई नई चीजें सामने आई हैं. इसी में से एक है खुली अदालत में सुनवाई की जगह वर्चुअल हियरिंग का होना. उसमें भी आज एक अपनी तरह का नया मामला सामने आया है, जिसमें SC ने वीडियो कांफ्रेंस के ज़रिए सुनवाई करके तलाक़ की तीन याचिकाओं पर फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की वर्चुअल कोर्ट हियरिंग (Virtual Hearing) में जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अनीशा अर्जुन राज बनाम अरविंद सुंदर राज के मामले में पति पत्नी की आपसी सहमति से दायर तलाक़ याचिका पर तलाक़ का आदेश जारी किया.
यह भी पढ़ें: ना वैक्सीन- ना ट्रीटमेंट, COVID-19 को खत्म करने के लिए ट्रम्प ने दिया फिर एक अजीब आइडिया
इस मामले में याचिकाकर्ता पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरण याचिका दायर कर मांग की थी कि उसके पति की तरफ से बेंगलुरु की फैमिली कोर्ट में दायर तलाक की याचिका को तमिलनाडु की फैमिली कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट में लंबित स्थानांतरण याचिका की सुनवाई के दौरान पिछले साल 30 अगस्त को मद्रास हाईकोर्ट ने पति की तलाक़ की याचिका को आपसी सहमति से सुलझाने के लिए मध्यस्थता केंद्र में भेज दिया था, जिसके बाद दोनों पक्षों ने एक सौहार्दपूर्ण समझौता किया और इस समझौते की डीड की शर्तों के तहत अपने विवाह को खत्म करने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट में जब इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई तो सुप्रीम कोर्ट को पति पत्नी के बीच हुए समझौते के बारे में बताया गया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने समझौते की शर्तों के तहत पत्नी स्थानांतरण याचिका का निपटारा कर दिया. इस मामले के अलावा जस्टिस एस रवींद्र भट की बेंच ने भी दंपति के बीच तलाक़ का फ़ैसला सुनाया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 (बी) के तहत आपसी सहमति से तलाक के मामले में एक डिक्री पारित की.
यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने अनुश्वेता कुमारी बनाम संजीत कुमार अग्रवाल नाम के मामले में दिया. इसी तरह माधुरी जाजू बनाम मनोज जाजू के मामले में दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते की डीड पेश करने के बाद जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम ने पति पत्नी की आपसी सहमति पर तलाक की मांग को स्वीकार कर लिया. बता दें कि देश में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के ज़रिए पति पत्नी के बीच वैवाहिक रिश्ते ख़त्म करने के ये पहले मामले हैं.