दिवाली में 'कोरोना सेल!' बाजारों में बेतहाशा भीड़; प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां
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दिवाली में 'कोरोना सेल!' बाजारों में बेतहाशा भीड़; प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां

दिवाली की खुशी में कोरोना को भूलकर लापरवाही बरतना भारी पड़ सकता है. बाजारों में खरीदारी करने वालों की भीड़ उमड़ रही है, जिनमें से अधिकांश के चेहरे से मास्क गायब है. देश में कोरोना के मामले कम जरूर हुए हैं, लेकिन महामारी खत्म नहीं हुई है. इसलिए सावधानी जरूरी है. 

फोटो: ANI

नई दिल्ली: दिवाली (Diwali) की खुमारी में कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं. एक सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि अधिकांश लोगों में अब कोरोना का डर नहीं है. इसलिए वो बिना किसी खौफ के दिवाली की खरीदारी कर रहे हैं और मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग उनके लिए गुजरे जमाने की बात हो गई है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है, लेकिन यह भी सच है कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. लिहाजा, लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है. 

  1. सर्वेक्षण में सामने आई लोगों की लापरवाही
  2. सोशल डिस्टेंसिंग को नहीं ले रहे गंभीरता से
  3. मामले घटे, लेकिन खत्म नहीं हुआ कोरोना

केवल 2% के लिए Mask है जरूरी

सर्वेक्षण के मुताबिक, दिवाली की तैयारियों के बीच सिर्फ दो प्रतिशत भारतीयों को लगता है कि मास्क (Mask) लगाना कोविड-19 से बचाव का एक प्रभावी उपाय है, जबकि केवल तीन प्रतिशत महसूस करते हैं कि उनके इलाकों और जिलों में लोग आपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि बाजार में खरीदारी के लिए जा रहे लोग खुलेआम कोरोना प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं.

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इस तरह किया गया Survey

कम्युनिटी आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म 'लोकल सर्किल्स' द्वारा किए गए सर्वेक्षण में देश के 366 जिलों के 20,000 से अधिक नागरिकों से 39,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिन्होंने बताया कि वे कैसे लोग त्योहारों के मौसम और यात्रा के दौरान मास्क लगाने और आपस में दूरी जैसे नियमों का पालन कर रहे हैं. 47% उत्तरदाता टियर 1 जिलों से, 30 प्रतिशत टियर 2 जिलों से और 23 प्रतिशत टियर 3, 4 और ग्रामीण जिलों से थे. उत्तरदाताओं में 65 प्रतिशत पुरुष थे, जबकि 35 प्रतिशत महिलाएं थीं.

16 फीसदी लोगों ने कही ये बात 

सर्वे में पाया गया कि केवल दो प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके क्षेत्र, जिले या शहर में 90 प्रतिशत से अधिक लोग मास्क लगाने संबंधी नियम का पालन करते हैं और केवल 16 प्रतिशत ने कहा कि यात्रा के दौरान हवाई अड्डों, स्टेशनों और बस स्टैंड आदि पर मास्क लगाना प्रभावी है. सर्वेक्षण के अनुसार, 13 प्रतिशत नागरिकों ने महसूस किया कि उनके क्षेत्र, जिले या शहर में मास्क संबंधी नियम का अधिक पालन हो रहा है, जबकि 30 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि यात्रा के दौरान मास्क लगाना प्रभावी है.

Social Distancing पर ऐसा है रुख 

सर्वेक्षण में, केवल तीन प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके क्षेत्र, जिले या शहर में आपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन प्रभावी है और नौ प्रतिशत लोगों ने कहा कि यात्रा के दौरान आपस में दूरी का पालन अब न के बराबर है. सितंबर के सर्वेक्षण के अनुसार, बस छह प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा था कि उनके क्षेत्र, जिले या शहर में आपस में दूरी का पालन अधिक था. गौरतलब है कि दिवाली की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ रही है. इस दौरान, अधिकांश लोग मास्क को तवज्जो नहीं दे रहे हैं. 

 

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