डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि लंबे समय से सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का परिवार और उनके फैंस CBI जांच की मांग कर रहे थे लेकिन महाराष्ट्र सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी.
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मुंबई: आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के मामले की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपने का फैसला किया. इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि आज सच्चाई की जीत हुई है. 130 करोड़ भारतीयों का सुप्रीम कोर्ट में विश्वास पहले से और ज्यादा बढ़ गया है.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बहुत खुश नजर आए. उन्होंने कहा, 'लंबे समय से सुशांत का परिवार और उनके फैंस सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे लेकिन महाराष्ट्र सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी. सुशांत के परिवार ने मामले की जांच के लिए पटना में एफआईआर दर्ज करवाई थी. जिसके बाद बिहार पुलिस की टीम जांच के लिए मुंबई पहुंची लेकिन उसे मुंबई पुलिस का सहयोग नहीं मिला. फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.'
डीजीपी ने मुंबई पुलिस के रवैये पर कहा, 'हमें जांच नहीं करने दी जा रही थी. हमने जब अपने आईपीएस अधिकारी को जांच के लिए मुंबई भेजा तो रात के 12 बजे एक कैदी की तरह उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया. उसी से लग रहा था कोई ना कोई गड़बड़ है. बिहार पुलिस सही से काम कर रही थी. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर मुहर लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस की एफआईआर को सही माना है और मामले की जांच का अधिकार सीबीआई को सौंप दिया है.'
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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार था. पटना में दर्ज हुई एफआईआर सही थी. मुंबई पुलिस ने सुशांत की मौत को लेकर दुर्घटना के पहलू तक जांच की जबकि बिहार पुलिस ने सभी पहलुओं को लेकर एफआईआर दर्ज की थी. बिहार सरकार को CBI जांच की सिफारिश करने का अधिकार था.