आज पूरा देश (दो अक्टूबर) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मना रहा है. हम सभी उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाकर देश को एक नई उज्जवल राह पर ले जाने का संकल्प ले रहे हैं, लेकिन क्या महिला सशक्तिकरण और स्वच्छता को लेकर हम उनकी बातों का अनुसरण कर पा रहे हैं.
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नई दिल्ली : आज पूरा देश (दो अक्टूबर) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मना रहा है. हम सभी उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाकर देश को एक नई उज्जवल राह पर ले जाने का संकल्प ले रहे हैं, लेकिन क्या महिला सशक्तिकरण और स्वच्छता को लेकर हम उनकी बातों का अनुसरण कर पा रहे हैं.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि 'स्त्रियों के अधिकार के सवाल पर मैं किसी तरह का समझौता स्वीकार नहीं कर सकता. मतेरी राय में उन पर ऐसा कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए जो पुरुषों पर न लगाया गया हो'. इसके साथ ही बापू ने स्वच्छता को लेकर कहा था कि 'साफ-सफाई और स्वच्छता राजनीतिक आजादी के कहीं अधिक महत्वपूर्ण है... लेकिन क्या हम सच में ऐसा कर पाए हैं'. देखिए वीडियो...
इसके साथ ही राष्ट्रपिता ने कहा था कि 'धर्म तो एक ही जगह पहुंचने के अलग-अलग रास्ते हैं. हम दोनों अलग-अलग रास्ते लें, इससे क्या हो गया? उसमें लड़ाई काहे की?'