जम्मू-कश्मीर: गिलानी ने लोगों से कहा, 'स्थानीय निकाय, पंचायत चुनावों का करें बहिष्कार'
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जम्मू-कश्मीर: गिलानी ने लोगों से कहा, 'स्थानीय निकाय, पंचायत चुनावों का करें बहिष्कार'

सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि भारतीय अधिकारी चुनावों में लोगों के शामिल होने को अपने पक्ष में फैसले की तरह दिखा रहे हैं और इस तरह वैश्विक समुदाय को भ्रमित कर रहे हैं. 

सैयद अली शाह गिलानी ने लोगों से अपील की कि वे विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव समेत आगामी सभी चुनावों का बहिष्कार करें. (फाइल फोटो)

श्रीनगर: हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने गुरुवार को जनता से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में आगामी स्थानीय निकाय एवं पंचायत चुनाव का बहिष्कार करें. उन्होंने एक वक्तव्य में कहा,‘इन चुनावों में भाग लेना शहीदों के खून के साथ विश्वासघात करना होगा.’

गिलानी ने कहा कि भारतीय अधिकारी चुनावों में लोगों के शामिल होने को अपने पक्ष में फैसले की तरह दिखा रहे हैं और इस तरह वैश्विक समुदाय को भ्रमित कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव समेत आगामी सभी चुनावों का बहिष्कार करें.

अलगाववादियों के बंद के कारण कश्मीर घाटी में जनजीवन प्रभावित
वहीं अनुच्छेद 35 ए की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के खिलाफ अलगावादियों के संपूर्ण बंद आहूत करने के कारण कश्मीर में गुरुवार को जनजीवन प्रभावित हुआ. अनुच्छेद 35 ए के तहत जम्मू कश्मीर से बाहर के लोग राज्य में अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं. 

अधिकारियों ने बताया कि पूरी घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण है और अब तक कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. बंद के कारण घाटी में दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं जबकि सड़कों से सभी तरह के वाहन नदारद हैं.

अनुच्छेद 35 ए की वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है जिसके मद्देनजर ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने गुरुवार और शुक्रवार को दो दिन के लिए हड़ताल आहूत की है. 

बार एसोसिएशन, ट्रांसपोर्टर एवं व्यापारिक संघों सहित विभिन्न संगठनों ने जीआरएल के बंद का समर्थन किया है. जेआरएल में सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और मोहम्मद यासिन मलिक शामिल हैं.

(इनपुट - भाषा)

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