Tamli Nadu News: राष्ट्रपति तक पहुंची मुख्यमंत्री और राज्यपाल की लड़ाई, CM बोले- सरकार गिराने के ढूंढते हैं मौके
Advertisement
trendingNow11772585

Tamli Nadu News: राष्ट्रपति तक पहुंची मुख्यमंत्री और राज्यपाल की लड़ाई, CM बोले- सरकार गिराने के ढूंढते हैं मौके

South Politics: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल सांप्रदायिक नफरत को भड़काते हैं. सीएम स्टालिन ने एक पत्र लिखकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राज्यपाल आर. एन. रवि की शिकायत की है. स्टालिन ने आरोप लगाया कि रवि ने संविधान के अनुच्छेद 159 के तहत ली गई पद की शपथ का उल्लंघन किया है.

फाइल फोटो

Tamli Nadu Politics: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिकायत की है कि राज्य के राज्यपाल आर. एन.रवि उक्त पद पर रहने के योग्य नहीं है क्योंकि वह राजनीतिक विरोधी के तौर पर काम करते हैं और ‘राज्य सरकार को गिराने का अवसर’ तलाशते रहते हैं. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि रवि ने तमिल संस्कृति की ‘मानहानि’ की है और वह ‘घटिया राजनीति’ में संलिप्त हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ‘सांप्रदायिक नफरत को भड़काते हैं’ और वह तमिलनाडु की शांति के लिए ‘खतरा’ हैं.fallback

राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे पत्र में स्टालिन ने आरोप लगाया कि रवि ने संविधान के अनुच्छेद 159 के तहत ली गई पद की शपथ का उल्लंघन किया है. स्टालिन ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ऐसी पार्टी (द्रविड़ मुनेत्र कषगम) की राज्य सरकार को गिराने का अवसर तलाशते हैं जो केंद्र की भारतीय जनता पार्टी का विरोध करती है और उन्हें केवल केंद्र सरकार का एजेंट ही समझा जा सकता है. उन्होंने कहा कि एक राज्यपाल के तौर पर उठाए गए ऐसे कदम संघवाद के सिद्धांत को नुकसान पहुंचाकर भारतीय लोकतंत्र के बुनियादी नीति को नष्ट कर सकते हैं. राज्यपाल आर.एन.रवि का व्यवहार इसका सही उदाहरण है. fallback

स्टालिन ने आठ जुलाई, 2023 को लिखे पत्र में कहा कि रवि सांप्रदायिक नफरत को भड़का रहे हैं और वह तमिलनाडु की शांति के लिए खतरा हैं. मुख्यमंत्री ने पत्र में दावा किया कि हाल में राज्यपाल द्वारा मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने संबंधी कदम से उनके राजनीतिक झुकाव का पता चलता है. राज्यपाल ने बाद में सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने संबंधी अपने फैसले को वापस ले लिया था. सेंथिल को नौकरी के बदले नकदी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था. fallback

पत्र में स्टालिन ने कहा कि एक ओर रवि ने पूर्ववर्ती ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नद्रमुक) सरकार के पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी देने में देरी की, वहीं दूसरी तरफ सेंथिल बालाजी के मामले में कार्रवाई करने में इतनी जल्दबाजी की. जबकि, उनके खिलाफ केवल जांच शुरू हुई थी, यह उनके राजनीतिक पक्षपात को इंगित करता है. मुख्यमंत्री ने सेंथिल मामले को लेकर कहा कि रवि ने संवैधानिक प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन किया है. शुरुआत में उन्होंने बालाजी को मंत्री बनाए रखने की सिफारिश को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. रवि ने 31 मई को मांग की थी कि सेंथिल बालाजी को आपराधिक जांच लंबित रहने के दौरान मंत्रिमंडल से हटाया जाए और इसके लिए उन्होंने संवैधानिक प्रावधानों और संबंधित कानूनों का हवाला दिया था.

सीएम स्टालिन ने कहा कि यह उनका विशेषाधिकार है कि किसी को मंत्रिमंडल में शामिल करें या उसे मंत्री पर से हटाए. मुख्यमंत्री ने पत्र में जोर देकर कहा कि राज्यपाल के व्यवहार और कदम ने साबित किया है कि वह पक्षपात कर रहे हैं और राज्यपाल के पद पर रहने के लायक नहीं है. रवि को शीर्ष पद से हटाया जाना चाहिए है. स्टालिन ने राष्ट्रपति से कहा कि वह उन पर छोड़ते हैं कि रवि को पद से हटाया जाए या नहीं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति फैसला करें कि भारत के संविधान निर्माताओं की भावना और गरिमा पर विचार करने के बाद तमिलनाडु के राज्यपाल को पद पर बनाए रखना क्या वांछित और उचित होगा? 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने ट्वीट कर पत्र को ‘लंबा अपराध नोट’ करार देते हुए खारिज कर दिया. उन्होंने कई सवाल करते हुए स्टालिन से ‘शिकायत बंद करने और काम शुरू करने’ को कहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि राष्ट्रपति मुर्मू इस बात को स्वीकार करेंगी कि एक राज्यपाल को धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण वाला होना चाहिए, राजनीतिक पसंद-नापसंद से परे होना चाहिए और दलीय राजनीति और भविष्य की नियुक्तियों के संबंध में कोई अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए. 

स्टालिन द्वारा राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे पत्र के हवाले से जारी 19 पन्नों के बयान में कहा गया कि रवि ने खुले तौर पर तमिलनाडु सरकार की नीतियों के खिलाफ काम किया. बयान के मुताबिक राज्यपाल ने बेवजह विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी देने में देरी की और राज्य सरकार और विधानसभा के काम काज में बाधा उत्पन्न की. स्टालिन ने कहा कि रवि का नगालैंड के राज्यपाल के तौर पर कार्यकाल भी संतोषजनक नहीं था और राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (NDPP) ने भी कहा था कि उनके जाने के बाद ही शांति स्थापित हुई.
 
स्टालिन ने राज्यपाल पर निर्वाचित राज्य सरकार के राजनीतिक और वैचारिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में कार्य करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक राज्यपाल के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी राजनीतिक और धार्मिक राय व्यक्त करना अशोभनीय है. स्टालिन ने आरोप लगाया कि अपने अवांछनीय विभाजनकारी धार्मिक भाषणों के माध्यम से, राज्यपाल अक्सर यह बताते रहे हैं कि उनकी धर्मनिरपेक्षता में ‘आस्था’ नहीं है.

(इनपुट: एजेंसी)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news