तेजस्वनी यादव के अनुसार, आज बहस इस बात पर होनी चाहिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80% पद ख़ाली क्यों है?
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर राजद के तेजस्वनी यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. तेजस्वनी यादव ने कहा है कि आरक्षण को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की भावनाओं को वह भलीभांति जानते थे, इसलिए उन्होंने संविधान बचाओ, बेरोजगारी हटाओ और आरक्षण बढ़ाओं का नारा देकर सभी को आगाह किया था.
तेजस्वनी यादव ने संघ प्रमुख पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि सौहार्दपूर्ण माहौल की बात करते हुए आरक्षण छीनने की योजना में काफी आगे बढ़ चुकी है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि कि जागो, जगाओ और अधिकार बचाने की मशाल जलाओ. उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर आरएसएस और बीजेपी की मंशा ठीक नही है.
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तेजस्वनी यादव के अनुसार, आज बहस इस बात पर होनी चाहिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80% पद ख़ाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है. केंद्र में एक भी सचिव ओबीसी या ईबीसी का नहीं है. इतना ही नहीं, आज कोई भी कुलपति एससी, एसटी या ओबीसी का नहीं है.
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उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बीते दिनों एक बार फिर आरक्षण पर चर्चा करने की वकालत की थी. उन्होंने रविवार को कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं, उन्हें सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस पर विमर्श करना चाहिए. ज्ञान उत्सव के समापन सत्र में उन्होंने कहा कि आरक्षण पर बहस का परिणाम हर बार तीव्र क्रिया और प्रक्रिया के रूप में देखा गया है.