Terror in Jammu: 30-40 किलोमीटर के एरिया में 25 से 30 आतंकी एक्टिव हैं ऐसे में आतंकियों की एक नई रणनीति को सुरक्षाबलों ने डिकोड करते हुए उस पर काम करना शुरू कर दिया है.
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Attack on Security Forces: जम्मू कश्मीर में आतंकियों की नई साजिश का सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया. खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डोडा में आतंकी एक साथ नहीं हैं, बल्कि कई ग्रुपों में बंट गए हैं. और आशंका जताई जा रही है कि डोडा में 25 से 30 आतंकियों के छिपे होने की संभावना है. ये आतंकी अमेरिकन M-4 असॉल्ट राइफल जैसे खतरनाक हथियारों से लैस हैं.
M-4 असॉल्ट राइफल वही खतरनाक हथियार है, जिससे कठुआ में आतंकियों ने जवानों को घेरकर सेना के ट्रक पर चीन में बनी स्टील की गोलियां बरसाई थी. ये राइफल बुलेट प्रूफ जैकेट को भी भेद सकती है. जानकारी ऐसी है कि 30-40 किलोमीटर के एरिया में 25 से 30 आतंकी एक्टिव हैं ऐसे में आतंकियों की एक नई रणनीति को सुरक्षाबलों ने डिकोड करते हुए उस पर काम करना शुरू कर दिया है.
भारतीय सेना के जवान जम्मू कश्मीर से आतंकियों का नामो-निशान मिटाने के लिए दिन-रात जागकर जम्मू और कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में डटे हैं.लेकिन आतंकियों का कहीं सुराग नहीं मिल रहा.
गुरिल्ला रणनीति अपना रहे आतंकी
और भारतीय सेना के लिए सबसे बड़ी यही चुनौती है. क्योंकि आतंकी इन दिनों हिट एंड रन जैसी रणनीति पर काम कर रहे हैं. यानी कि आतंकी पूरे प्लान के तहत खुद अपने निशान या फुट प्रिंट छोड़ रहे हैं. और फिर उसी इलाके में छिपकर सेना के जवानों का इंतजार करते हैं. और जैसे ही सुरक्षाबल के जवान उनकी तलाश करते हुए वहां पहुंचते हैं, पहले से तैयार बैठे आतंकी मौका पाकर चौतरफा हमला कर देते हैं.
उसके बाद आतंकी फिर से छिपते हैं और अपनी लोकेशन को चेंज करते हैं इसे हिट एंड रन गोरिल्ला वॉर फेयर कहा जाता है और ये रणनीति पहले भी आतंकी कई बार इस्तेमाल कर चुके हैं.
आतंकियों की इस नई रणनीति से सुरक्षाबलों को काफी नुकसान पहुंचा है.और सिर्फ 1 महीने के भीतर ही हमारे देश के 12 जवान शहीद हो चुके हैं. लेकिन जम्मू कश्मीर में आतंकी वारदात बढ़ने के पीछे एक और बड़ी वजह है। वो वजह है लोकल सपोर्ट.
आतंकियों को मिल रहा लोकल सपोर्ट
सेना के अधिकारी लगातार ये आशंका जता रहे हैं कि आतंकियों के साथ कुछ गाइड भी हैं. और ये ऐसे लोग हैं जो जम्मू कश्मीर के ही रहने वाले हैं, लेकिन आतंकियों के मददगार बने हुए हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के ही रहने वाले कुछ लोग आतंकियों को छिपाने में मदद कर रहे हैं. इन लोगों को सेना के चेकपोस्ट, छावनी और तैनाती की पूरी जानकारी है. और इन्हीं स्थानीय लोगों की मदद से आतंकी हमला करके आसानी से भाग पा रहे हैं.
डिफेंस एक्सपर्ट राजन जामवाल ने बताया, 'आतंकी इनके आधार कार्ड ले जाते हैं इनके बच्चों को डराते हैं कि गोली मार देंगे, दबाव बनाते हैं तो ये जिम्मेदारी लोकल पुलिस की बनती थी कि अगर 6 महीने से आतंकी यहां काम कर रहे थे तो इन्हें पता होना चाहिए था तो एक किस्म से ये इंटेलिजेंस फेलियर भी है.' और इसीलिए कठुआ और डोडा के गुनहगार आतंकी अभी तक सेना की रडार से दूर हैं.
भारी मात्रा में हथियार बरामद
वहीं आतंकियों की तलाश में जुटी सेना को बड़ी सफलता हाथ लगी. सेना ने आतंकियों के पास से बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए हैं. और ये हथियार जम्मू कश्मीर के केरन सेक्टर से बरामद किए गए हैं. इन हथियारों में 2 राइफल, 5 हैंड ग्रेनेड और भारी मात्रा में मैगजीन शामिल हैं.
गुरुवार को सुरक्षाबलों ने LOC से जम्मू कश्मीर के केरन सेक्टर में घुसपैठ करते हुए 2 आतंकियों को मार गिराया था. और उन्हीं आतंकियों के कब्जे से ये हथियार बरामद हुए हैं. दोनों आतंकी बॉर्डर पार करके भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन भारतीय सुरक्षाबल के जवानों ने उन्हें बॉर्डर पर ही ढेर कर दिया.