Emotional News: 10 साल के बेटे का शव लेकर पिता ने चलाई 90 किमी तक बाइक! खबर पढ़कर निकलेंगे आंसू
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Emotional News: 10 साल के बेटे का शव लेकर पिता ने चलाई 90 किमी तक बाइक! खबर पढ़कर निकलेंगे आंसू

Father and Son Emotional News: एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे जानकर आपका दिल दहल जाएगा. आंद्र प्रदेश में एक पिता ने अपने 10 साल के बच्चे का शव 90 किमी तब बाइक पर ढोया है.  

फोटो साभार: वीडियोग्रैब

Father and Son Emotional News: आंध्र प्रदेश में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक व्यक्ति ने तिरुपति के एक सरकारी अस्पताल में एम्बुलेंस के चालक द्वारा ज्यादा पैसे मांगने के बाद अपने 10 वर्षीय बेटे के शव को 90 किमी की दूरी तक मोटरसाइकिल पर ले जाने के लिए मजबूर हुआ. मोटी रकम चुकाने में असमर्थ, उसके पिता बाइक पर ही बेटे का शव लेकर चल पड़े. बाइक चलाकर उसके पिता तिरुपति से लगभग 90 किलोमीटर दूर अन्नामय्या जिले के चितवेल ले गये.

खेतिहर मजदूर था बच्चे का पिता

सोमवार रात आरयूआईए के सरकारी सामान्य अस्पताल में इलाज के दौरान खेतिहर मजदूर के बेटे जेसवा की तबीयत खराब होने से मौत हो गई. अस्पताल में एम्बुलेंस चालक ने शव को ले जाने के लिए 10,000 रुपये मांगे. पैसे की मांग ज्यादा होने के कारण लड़के के पिता राशि का भुगतान करने में असमर्थ थे, उन्होंने अपने रिश्तेदारों को सूचित किया, जिन्होंने शव को घर लाने के लिए दूसरी एम्बुलेंस की व्यवस्था की. 

एंबुलेंस ड्राइवर का अमानवीय रवैया

आरोप है कि अस्पताल में पहले एम्बुलेंस ड्राइवर ने दूसरी एम्बुलेंस को शव ले जाने से मना कर दिया और जोर देकर कहा कि शव उसके ही एम्बुलेंस में जाएगा. एंबुलेंस ड्राइवर के अमानवीय रवैये से नाराज युवक ने बच्चे के शव को मोटरसाइकिल पर रख लिया.

लोगों में फैला आक्रोश

इस घटना से लोगों में आक्रोश फैल गया. लोगों ने दावा किया कि पहले भी इसी तरह की घटनाएं हुई हैं और अस्पताल एम्बुलेंस के ड्राइवर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि अस्पताल के अधिकारियों ने उनकी एम्बुलेंस का संचालन बंद कर दिया है और लोगों को लूटने वाले निजी एम्बुलेंस ऑपरेटरों के साथ मिलीभगत की है.
 
भाजपा नेताओं ने दिया धरना

विपक्षी तेदेपा और भाजपा के नेताओं ने अस्पताल में धरना दिया. उन्होंने घटना की जांच के लिए अस्पताल आए राजस्व मंडल अधिकारी (आरडीओ) को रोकने की कोशिश की. इस बीच, तेदेपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना की निंदा की.

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ट्वीट में क्या बोले नायडू 

चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट कर कहा, 'मेरा दिल निर्दोष छोटे जेसवा के लिए दुखी है, जिसकी तिरुपति के आरयूआईए अस्पताल में मृत्यु हो गई. उसके पिता ने अधिकारियों से एक एम्बुलेंस की व्यवस्था करने की गुहार लगाई, जो नहीं मिली. मोर्चरी वैन पूरी तरह से उपेक्षित पड़े रहने के कारण निजी एम्बुलेंस प्रोवाइडरों ने बच्चे को अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाने के लिए कहा.' नायडू ने आगे कहा, 'गरीबी से पीड़ित पिता के पास अपने बच्चे को 90 किलोमीटर तक बाइक पर ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. यह दिल दहला देने वाली त्रासदी आंध्र प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे की स्थिति को दर्शाती है, जो वाई एस जगन मोहन रेड्डी प्रशासन के तहत चरमरा रही है.'

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