तंगधार में बनने लगी विकास की 'सड़क', बदलने लगी कश्मीर की तकदीर
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तंगधार में बनने लगी विकास की 'सड़क', बदलने लगी कश्मीर की तकदीर

  जम्मू कश्मीर (jammu kashmir) में अनुच्छेद 370 (article 370) खत्म होने के बाद एक साल पूरा होने को है. इस एक साल में सूबे की तकदीर बदलती नजर आ रही है.

कश्मीर के तंगधार में सड़क बनने से लोगो की उम्मीदों को लगे पंख

तंगधार:  जम्मू कश्मीर (jammu kashmir) में अनुच्छेद 370 (article 370) खत्म होने के बाद एक साल पूरा होने को है. इस एक साल में सूबे की तकदीर बदलती नजर आ रही है. इस केंद्र प्रशासित क्षेत्र में विकास की गाड़ी सरपट दौड़ने लगी है. ZEE NEWS की टीम इस वक्त श्रीनगर में मौजूद है.  श्रीनगर से 200 किलोमीटर दूर तंगधार है, जिसे कर्ना वैली के नाम से भी जाना जाता है.

  1.  जम्मू कश्मीर के सरहदी इलाकों में सड़क बनाने के काम में तेजी आई
  2. दिल्ली से कश्मीर में पहुंचाई गई हैं सड़क बनाने की मशीनें
  3.  इलाके में हो रहे बदलाव से व्यापार को लग रहे हैं पंख

यहां पर कई गावों की सड़के तो ऐसी हैं कि आप हैरान हो जाएंगे. इन सड़को को देखकर ये भरोसा जरुर हो जाएगा कि कश्मीर की विकास की गाड़ी सही पटरी पर दौड़ने लगी है. तंगधार में इन दिनों बड़ी बड़ी मशीनें, क्रेन, क्रशर काम कर रहे हैं. कश्मीर घाटी के इस इलाके में दिल्ली से मशीनों को पहुंचाने में एक साल लग गया. अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद तनाव भरे साल में यहां पर सड़के बनाने का काम चलता रहा. 

सरकार का मकसद है कि कश्मीर के छोटे से छोटे गांव को पक्के रोड नेटवर्क के जरिए श्रीनगर से जोड़ दिया जाए. देश की आखिरी सड़क तक पक्की कर दी गई है. इसके आगे भारत की सरहद खत्म हो रही है. इस इलाके में 40 फीसदी काम अखरोट का होता है. व्यापारी को इस बात से मतलब है कि कारोबार अच्छा चले. सड़कें बनने के बाद उनकी ये मुराद पूरी होती नजर आ रही है. गांव में रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग भी इस बदलाव से खुश नजर आते हैं. केसर, बादाम अखरोट और सेब के शाही कारोबार वाले कश्मीर की नई इबारत में सिर्फ और सिर्फ खूबसूरती होगी, ये तय हो चुका है.

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